मिल्कफैड और मिल्क यूनियनों के 500 पद भरे जायेंगे
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में मंत्रीमंडल ने मिल्कफैड और इससे सम्बन्धित मिल्क यूनियनों में ग्रुप सी और डी के 500 पद सीधी भर्ती के द्वारा भर्ती करने की मंजूरी दे दी है।
यह फ़ैसला पंजाब सिवल सचिवालय में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मंत्रीमंडल की मीटिंग के दौरान लिया गया।
मुख्यमंत्री दफ़्तर के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस भर्ती का फ़ैसला स्टाफ की कमी दूर करने के मकसद से लिया गया है जिससे मिल्कफैड और इससे सम्बन्धित मिल्क यूनियनों के कामकाज को और ज्यादा सुचारू बनाया जा सके। इस कदम से दूध उत्पादकों और किसानों को लाभ होगा क्योंकि इससे दूध से अन्य वस्तुएँ तैयार करने के साथ-साथ उत्पादन की प्रभावी मार्किटिंग के द्वारा दूध मार्केट को और ज्यादा असरदार बनाया जा सकेगा। इसी तरह इससे दूध और मिल्कफैड की तरफ से दूध से तैयार होती वस्तुओं की गुणवत्ता सुधारने से उपभोक्ताओं को बड़ी सुविधा मिलेगी।
सरकारी स्कूलों की देखभाल यकीनी बनाने के लिए स्कीम को हरी झंडी
राज्य भर में सरकारी स्कूलों की अच्छी संभाल के लिए मंत्रीमंडल ने राज्य स्तर पर स्कीम को लागू करने को हरी झंडी दे दी है जिससे सरकारी स्कूलों की संभाल को यकीनी बनाया जा सके। इस स्कीम के अंतर्गत स्कूल कैंपस की साफ़-सफ़ाई, सुरक्षा और सुचारू प्रशासन चलाने के लिए फंड पंजाब सरकार की तरफ से दिए जाएंगे। इससे स्कूल प्रशासन को स्कूलों को बिना किसी दिक्कत से चलाने में मदद मिलेगी जिससे विद्यार्थियों को मानक शिक्षा मुहैया करवाई जा सके।
स्क्रैप वाहन के मालिक की तरफ से नया वाहन खरीदने पर मोटर व्हीकल टैक्स से छूट देने का फ़ैसला
वाहनों के प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की तरफ से नये वाहनों की रजिस्ट्रेशन के बारे लागू की स्क्रैपिंग नीति के संदर्भ में पंजाब मंत्रीमंडल ने पंजाब मोटर व्हीकल टैक्सेशन एक्ट-1924 की धारा 13 (3) के अधीन नयी गाड़ीयों की खरीद के मौके पर छूट देने का फ़ैसला किया। इसके अंतर्गत मोटर व्हीकल टैक्स में ट्रांसपोर्ट वाहन मालिकों को 15 प्रतिशत और नान-ट्रांसपोर्ट वाहन मालिकों को 25 प्रतिशत तक छूट मिलेगी। वातावरण अनुकूल फ़ैसले से स्क्रैपिंग पॉलिसी के अधीन परिवहन गाड़ीयों के मालिक गाड़ी की रजिस्ट्रेशन से 8 साल तक और नान- ट्रांसपोर्ट गाड़ीयों के मालिक 15 साल तक स्कीम का लाभ उठा सकते हैं। इसके अंतर्गत जिस समय पर गाड़ी को स्क्रैप किया जायेगा तो इसके बारे स्क्रेपर की तरफ से ही गाड़ी की खरीद की जायेगी। इसके उपरांत स्क्रेपर की तरफ से वाहन के मालिक को सर्टिफिकेट आफ डिपाजिट (वाहन जमा करवाने का सर्टिफिकेट) जारी किया जायेगा जिसको गाड़ी मालिक की तरफ से सम्बन्धित लायसंसिंग अथॉरिटी के पास जमा करवाने पर नयी गाड़ी की रजिस्ट्रेशन के मोटर व्हीकल टैक्स में बनती छूट दी जायेगी।
सिस्टर ट्युटर की सीधी भर्ती और तरक्की के लिए शैक्षिक योग्यता में संशोधन को मंजूरी
एक और अहम फ़ैसला लेते हुये मंत्रीमंडल ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के पंजाब हैल्थ एंड फैमली वैलफेयर टैक्निकल (ग्रुप-बी) सर्विस रूल्ज-2018 में सिस्टर ट्युटर के पद के लिए सीधी भर्ती और पदोन्नति के लिए शैक्षिक योग्यता में संशोधन करने की मंजूरी दे दी है। कैबिनेट के फ़ैसले के मुताबिक सिस्टर ट्युटर के पद के लिए सीधी भर्ती के लिए शैक्षिक योग्यता एम.एससी (नरसिंग) होगी। इसी तरह सिस्टर ट्युटर के तौर पर पदोन्नति के लिए शैक्षिक योग्यता बी. एससी. (नरसिंग) के साथ स्टाफ नर्स ( ग्रुप-सी) के तौर पर कम से कम 10 साल का तजुर्बा होना ज़रूरी होगा।
मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों की तरफ से ऐच्छिक ग्रांटें बाँटने के लिए नीति मंजूर
मंत्रीमंडल ने पंजाब में मौजूदा बुनियादी ढांचे, वातावरण में सुधार और गरीबों की प्राथमिक ज़रूरतों की पूर्ति के लिए मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों की तरफ से ऐच्छिक ग्रांटों के वितरण के लिए नीति को मंजूरी दे दी है। इस फ़ैसले अनुसार वित्तीय साल में मुख्यमंत्री का ऐच्छिक कोटा 5 करोड़ रुपए जबकि हरेक कैबिनेट मंत्री का ऐच्छिक कोटा 1.50 करोड़ रुपए होगा।
डायरैक्टोरेट आफ पब्लिक इंस्ट्रकशनज़ (कालेज) का नाम बदल कर डायरैक्टोरेट आफ हायर एजुकेशन करने का फ़ैसला
उच्च शिक्षा संबंधी राज्य सरकार और केंद्र सरकार की नीतियों को प्रभावशाली तरीके से लागू करने के लिए राज्य की उच्च शिक्षा संस्थाओं के बीच बेहतर तालमेल यकीनी बनाने के लिए कैबिनेट ने डायरैक्टोरेट आफ पब्लिक इंस्ट्रकशनज़ (कालेज), पंजाब का नाम बदल कर डायरैक्टोरेट आफ हायर एजुकेशन, पंजाब करने का फ़ैसला किया है। इसी तरह डायरैक्टर पब्लिक इंस्ट्रकशनज़ (कालेज) के पद का नाम भी डायरैक्टर हायर एजुकेशन, पंजाब में तबदील हो जायेगा। इस फ़ैसले से राज्य के उच्च शिक्षा विभाग, कालेजों, यूनिवर्सिटियों और केंद्र की सहायता प्राप्त एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल यकीनी बनेगा।
ज़िक्रयोग्य है कि डायरैक्टोरेट आफ पब्लिक इंस्ट्रकशनज़ (कालेज) की स्थापना वास्तव में पंजाब के विभाजन से पहले 1856 में की गई थी और यह शुरू में लाहौर से कामकाज करता था। 1966 में पंजाब के विभाजन के बाद इसने चंडीगढ़ से काम करना शुरू किया था।
बच्चों को मुफ़्त और लाज़िमी शिक्षा नियम, 2011 में संशोधन को मंज़ूरी
शिक्षा प्रणाली को और सुचारू बनाने के उद्देश्य से कैबिनेट ने पंजाब के द्वारा बच्चों को मुफ़्त और लाज़िमी शिक्षा नियम, 2011 के नियम 13 के उप नियम 4 में संशोधन को मंजूरी दे दी जिससे स्कूल मैनेजमेंट कमेटियों में दो और मैंबर शामिल किये जा सकें। इनमें से एक मैंबर सम्बन्धित स्कूल के आसपास रहने वाला समाज सेवक और दूसरा मैंबर कोई शिक्षा शास्त्रीय होगा, जिसको विशेष इनवायटी के तौर पर शामिल किया जायेगा। उस व्यक्ति ने यूनिवर्सिटी, कालेज, स्कूल या किसी अन्य शैक्षिक संस्था में शिक्षा के क्षेत्र में अध्यापन के पद पर काम किया हो या ग्रुप-ए सर्विस से सेवामुक्त कोई अन्य सरकारी कर्मचारी होगा। हालाँकि ऐसे सदस्यों को वोट डालने का कोई अधिकार नहीं होगा और स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के चेयरपरसन या उप-चेयरपरसन के तौर पर चुने जाने के योग्य नहीं होंगे।
शिक्षा विभाग के अलग-अलग नियमों में संशोधन को हरी झंडी
कैबिनेट ने पंजाब ऐजुकेशनल सर्विस (स्कूल एंड इंसपैकशन जनरल कैडर) ग्रुप ए सर्विस नियम, 2018, पंजाब ऐजुकेशनल सर्विस (स्कूल एंड इंसपैकशन बार्डर एरिया ग्रुप ए सर्विस नियम, 2018), पंजाब ऐजुकेशनल सर्विस (स्कूल एंड इंसपैकशन जनरल काडर) ग्रुप बी सर्विस नियम, 2018 और पंजाब ऐजुकेशनल सर्विस (स्कूल एंड इंसपैकशन बार्डर एरिया ग्रुप बी सेवा नियम, 2018) में संशोधन को मंजूरी दे दी, जिसके अंतर्गत प्रिंसिपल और हैड मास्टरों के पदों के लिए सीधी भर्ती के लिए योग्यता में तबदीली की गई है जिससे कृषि मास्टर पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल और हैड मास्टरों की सीधी भर्ती के पदों के लिए आवेदन कर सकें।
सचिवालय में सेवक और चौकीदारों के 173 खाली पद भरने को मंज़ूरी
पंजाब सिवल सचिवालय (आम राज प्रबंध) में सेवकों और चौकीदारों की कमी के मद्देनज़र कैबिनेट ने पंजाब सिवल सचिवालय में सेवकों के 150 और चौकीदारों के 23 पद बदली की विधि के द्वारा भरने को मंजूरी दे दी जिससे सचिवालय के कामकाज को सुचारू तरीके से चलाया जा सके।
ज़िला ग्रामीण विकास एजेंसियों को भंग करने और स्टाफ को खाली पदों पर तबदील करने का फ़ैसला
कैबिनेट ने ज़िला ग्रामीण विकास एजेंसियों (डी. आर. डी. एज) को भंग करने और इनके 44 स्टाफ सदस्यों को ज़िला परिषदों/पंचायत समितियों में डायंग काडर सृजन करके एडजस्ट करने का फ़ैसला किया है।
सालाना प्रशासकीय रिपोर्टों को मंजूरी
मंत्रीमंडल ने सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग और जल स्रोत विभाग की क्रमवार साल 2021-22 और 2020-21 की प्रशासकीय रिपोर्टों को मंजूरी दे दी है। इसी तरह मंत्रीमंडल ने पशु पालन, मछली पालन और डेयरी विकास की साल 2018- 19, 20219-20, 2020-21 और 2021-22 की प्रशासकीय रिपोर्टों को भी मंज़ूरी दे दी है।