राजनीतिरायपुर
Trending

छत्तीसगढ़ में पहली बार विधायक बने इन दो नेताओं को क्यों बनाया गया डिप्टी सीएम, जानिए अंदर की कहानी

छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने नई परंपरा की शुरुआत करते हुए दो उप मुख्यमंत्री बनाए हैं. छत्तीसगढ़ में ऐसा पहली बार हुआ है जब सरका में दो डिप्टी सीएम होंगे

रायपुर : छत्तीसगढ़ के चौथे मुख्यमंत्री के रूप में विष्णु देव साय ने बुधवार को शपथ ग्रहण की है. इसके साथ वे राज्य गठन के बाद हुए चुनाव में पहले आदिवासी मुख्यमंत्री बन गए हैं. इनके साथ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और बीजेपी प्रदेश महामंत्री विजय शर्मा दोनों ने डिप्टी सीएम के तौर पर कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली है. यानी राज्य के दूसरे और तीसरे डिप्टी सीएम बन गए हैं. इससे पहले कांग्रेस सरकार में टी एस सिंहदेव डिप्टी सीएम थे।

अब विजय शर्मा और अरुण साव की इस राजनीतिक छलांग को लेकर राजनीतिक गलियारों में जमकर चर्चाएं हो रही हैं. क्योंकि बीजेपी के कई दिग्गज नेता जो लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं. उनकी जगह पहली बार विधानसभा चुनाव जीतने वाले नेताओं को ज्यादा तवज्जों दी गई है. चलिए इसके पीछे क्या कहानी है समझने की कोशिश करते है।

छत्तीसगढ़ में पहली बार सरकार में दो डिप्टी सीएम

एक साल पहले बिलासपुर से सांसद अरुण साव को 9 अगस्त 2022 को राज्य की कमान सौंपी गई. तब छत्तीसगढ़ में बीजेपी उस स्थिति में थी की राज्य में कहा जा रहा था कि कांग्रेस एकतरफा चुनाव जीतने वाली है. लेकिन अरुण साव अध्यक्ष की कमान संभालते ही पार्टी के नेतृत्व में बदलाव करते हुए युवा और मेहनती नेताओं को जिम्मेदारियां देने लगे. इसी में उन्होंने विजय शर्मा को महामंत्री बनाया. इसके साथ विजय शर्मा को ग्राउंड पर बीजेपी को खड़ा करने की जिम्मेदारी दी गई।

विजय शर्मा ने पिछले साल सीएम हाउस घेराव के लिए एक बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की थी. जनता के बीच जाकर लाखों आवेदन आवास योजना को लेकर भरवाए. इसी आंदोलन के बाद बीजेपी चुनावी मैदान में आई और ये घोषणा भी की गई कि राज्य में सरकार बनते हुए मुख्यमंत्री आवास योजना की फाइल में हस्ताक्षर किए जाएंगे. इसके पहले विजय शर्मा का नाम कवर्धा में हुए झंडा विवाद में उभरकर सामने आया था. तब विजय शर्मा के साथ कई नेताओं को जेल जाना पड़ा था।

साव ने केंद्रीय नेतृत्व के बीच किया पुल का काम 

अरुण साव केंद्रीय नेतृत्व के बीच पुल का काम कर रहे थे. राज्य की रणनीतियों और केंद्र से मिले आदेश का ग्राउंड पर पालन करने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे थे. आपको बता दें कि अरुण साव लगभग 33 साल से सार्वजनिक जीवन में सक्रिय हैं. उन्होंने वकालत और राजनीति में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया है. साव का पैतृक गांव लोहड़िया है और उन्होंने बीकॉम एसएनजी कॉलेज मुंगेली से और एलएलबी कौशलेंद्र राव विधि महाविद्यालय बिसालपुर से की है।

उन्होंने 1996 में सिविल न्यायालय मुंगेली से वकालत शुरू की थी. इसके बाद उन्होंने बिलासपुर हाई कोर्ट में वकालत की. इसके बाद वे हाई कोर्ट में उप शासकीय अधिवक्ता, शाकीय अधिवक्ता और उप महाधिवक्ता जैसे पदों पर भी रहे. अरुण साव साहू समाज से आते हैं. वे किसान परिवार से हैं।

क्रिकेटर विजय शर्मा की लंबी छलांग से सब हैरान

इसके अलावा दूसरे डिप्टी सीएम विजय शर्मा की बात करें तो विजय शर्मा का जन्म 19  जुलाई 1973 को एक किसान परिवार में हुआ. भौतिकशास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएट विजय शर्मा ने इसके साथ ही इंग्लिश भाषा में डिप्लोमा लिया. शर्मा ने छात्र जीवन से ही सार्वजनिक जीवन में कदम रख लिया था. डिप्टी सीएम बने शर्मा क्रिकेट, पर्यटन, कविता पाठ और भाषण में गहन रुचि रखते हैं. क्रिकेट में वे राज्य स्तरीय स्पर्धाओं में हिस्सा ले चुके हैं और एथलेटिक्स में भी उन्होंने पुरस्कार जीते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button