रायपुर
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मंत्रियों और अधिकारियों ने अपने प्रियजनों और रिश्तेदारों को मिठाइयां बांटीं....

त्रियों ने न सिर्फ अपने-अपने विभागों में बल्कि कांग्रेस नेताओं ने अपनी अनुशंसा पर मनमाफिक विभागों और संस्थानों में अपने चहेतों को पद न होते हुए भी नौकरियां दिलाईं

रायपुर : प्रदेश में कांग्रेस सरकार के दौरान बड़े पैमाने पर मनमाने ढंग से अनाधिकृत भर्तियां हुई। मंत्रियों ने न सिर्फ अपने-अपने विभागों में बल्कि कांग्रेस नेताओं ने अपनी अनुशंसा पर मनमाफिक विभागों और संस्थानों में अपने चहेतों को पद न होते हुए भी नौकरियां दिलाईं। अब सरकार बदलने के बाद इन नियुक्तियों के विरोध में आवाजें उठने लगीं हैं। पीडब्लूडी, वन विभाग, परिवहन विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग से लेकर नगरीय निकायों में संविदा और दैनिक वेतनभोगी के गैर जरूरी पद सृजित कर मनमानी नियुक्तियां की गई हैं। अब इन नियुक्तियों को निरस्त कर खाली पदों पर नियमानुसार नियुक्ति की मांग उठने लगी हैं। इतना ही नहीं कई कर्मचारी संगठन बैक डोर से हुई ऐसी नियुक्तियों की जांच और दोषी पाए जाने वाले अफसरों व नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

वन विभाग में बैकडोर से 750 भर्तियां

पूर्व परिवहन, आवास व वन मंत्री मोहम्मद अकबर के विभागों में भी बैकडोर से बड़े पैमाने पर चहेतों को निुयक्ति दी गई। रायपुर वन मंडल में बैक डोर से 750 पदों पर दैनिक वेतनभोगियों की नियुक्ति करने का मामला सामने आया है। कांग्रेस नेताओं की शह पर अफसरों ने उनके चहेतों को चौकीदार, चालक, क्लर्क, कंप्यूटर आपरेटर जैसे पदों पर नियुक्तियां दी हैं। कब्रिस्तान जैसी जगह में पौधोरोपण संरक्षण के नाम पर चौकीदार सहित अफसरों के घरों में चिल्ड्रेन, डाग केयर टेकर से लेकर घरेलु नौकर तक नियुक्त किए गए हैं। इन कर्मचारियों के वेतन के रूप में हर महीने करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। अधिकारी विभागों में आवश्यकतानुसार दैनिक वेतनभोगियों की नियुक्ति का प्रावधान होने की बात कह रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि कहीं कोई गड़बड़ी हुई है और शिकायतत मिलती है तो उसकी जांच कराई जा सकती है।

आत्मानंद स्कूलों में भी भर्तियों में गड़बड़ी

कांग्रेस सरकार ने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से अच्छी शिक्षा दिलाने आत्मानंद योजना के तहत बड़ी संख्या में स्कूलें शुरू की हैं। जिनमें लाखों की संख्या में गरीब बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। लेकिन इन स्कूलों में नगरीय निकायों और स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बड़े पैमाने पर संविदा शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। इन नियुक्तियों में भी कांग्रेसी नेताओं द्वारा अपने चहेतों और रिश्तेदारों को उपकृत करने के आरोप लगते रहे हैं। विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने भी इन शिक्षकों और व्याख्याताओं की नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगाते रही है। इन नियुक्तियों की भी जांच की मांग की जा रही है।

गाड़ियां लगाने में भी खेल

सरकारी विभागों, निगम-मंडलों में अफसरों व नेताओं के लिए वाहन अटैच करने में भी बड़े खेल हुए हैं। कांग्रेस नेताओं ने अपने और करीबीयों के वाहन किराए पर सरकारी विभागों में अटैच करवाए बदले में मोटे किराए वसूले। कांग्रेस नेताओं के दबाव में अफसरों ने उनके नजदीकी टे्रवल वालों की गाडिय़ां अटैच की और मोटे कमीशन लिये। सरकार बदलने के बाद अब कांग्रेसी नेताओं के संरक्षण में सरकारीर धन की बंदरबाट पर रोक लगाने की संभावना जगी है।

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