Paush Putrada Ekadashi 2024: 21 जनवरी को पौष पुत्रदा एकादशी, राशि के अनुसार करें इन मंत्रों का जाप, पूरी होंगी मनोकामनाएं
सनातन धर्म में पौष माह का विशेष महत्व है और इस दौरान पितरों की आत्मिक शांति के लिए कई उपाय किए जाते हैं। वहीं पौष माह की पुत्रदा एकादशी व्रत पर विधि-विधान से पूजा करने से पितरों से संतान सुख का आशीर्वाद भी मिलता है।
इंदौर. सनातन धर्म में पौष माह का विशेष महत्व है और इस दौरान पितरों की आत्मिक शांति के लिए कई उपाय किए जाते हैं। वहीं पौष माह की पुत्रदा एकादशी व्रत पर विधि-विधान से पूजा करने से पितरों से संतान सुख का आशीर्वाद भी मिलता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल पौष पुत्रदा एकादशी व्रत 21 जनवरी को है।
पंडित चन्द्रशेखर मालतारे के अनुसार
इस दिन जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। ऐसा करने से नि:संतान दंपत्ति को मनोवांछित फल मिलने के साथ-साथ संतान सुख भी प्राप्त होता है। शुभ फल के लिए भक्तों को राशि के अनुसार इन मंत्रों का जाप करना चाहिए।
मेष राशि
पौष पुत्रदा एकादशी पर ‘ऊँ श्री गरुडध्वजाय नम:’ मंत्र का एक माला जप करें।
वृषभ राशि
भगवान नारायण की कृपा पाने के लिए ‘ऊँ श्री विराट पुरुषाय नम:’ मंत्र का जप करें।
मिथुन राशि
पौष पुत्रदा एकादशी पर ‘ऊँ श्री कमलापतये नम:’ मंत्र का एक माला जप करें।
कर्क राशि
भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए ‘ऊँ श्री लोकाध्यक्षाय नम:’ मंत्र का जप करें।
सिंह राशि
पौष पुत्रदा एकादशी पर ‘ऊँ श्री चक्रगदाधराय नम:’ मंत्र का एक माला जप करें।
कन्या राशि
भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए ‘ऊँ श्री द्वारका नाथाय नमः:’ मंत्र का जाप करना चाहिए।
तुला राशि
भगवान श्री हरि विष्णु का आशीर्वाद पाने के लिए ‘ऊँ श्री लोकनाथाय नम:’ मंत्र का जप करें।
वृश्चिक राशि
भक्तों को पौष पुत्रदा एकादशी पर ‘ऊँ श्री श्री रघुनाथाय नम:’ मंत्र का एक माला जाप करना चाहिए।
धनु राशि
भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए ‘ऊँ श्री हृषीकेशाय नम:’ मंत्र का पांच माला जप करें।
मकर राशि
भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए भक्तों को ‘ऊँ श्री गोविन्दाय नम:’ मंत्र का एक माला जप करें।
कुंभ राशि
भक्तों को पौष पुत्रदा एकादशी तिथि पर व्रत करने के साथ में ‘ ऊँ श्री लक्ष्मी पतये नमः:’ मंत्र का एक माला जाप करना चाहिए।
मीन राशि
जगत के पालनहार विष्णु जी का आशीर्वाद पाने के लिए ‘ॐ श्री वासुदेवाय नमः:’ मंत्र का पांच माला जप करें।