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अंजलि हत्या : किसी भी तरह से तफ्तीश में कोई कमी न रह जाए, इसके लिए जुटाए जा रहे हैं कड़े से कड़ा सबूत

इंद्र वशिष्ठ

सुलतान पुरी कांड में तमाम तरह के आरोपों से घिरी दिल्ली पुलिस अब तफ्तीश में किसी भी प्रकार की कोई कसर नही छोड़ना चाहती है. अंजलि की दर्दनाक हत्या (गैर इरादतन) के इस मामले की तफ्तीश के लिए एक विशेष जांच दल ( एसआईटी) बनाया गया है. पुलिस की 18 टीमें तफ्तीश में जुटी हुई है. दिल्ली पुलिस में कानून एवं व्यवस्था के स्पेशल कमिश्नर सागर प्रीत हुड्डा की देख रेख/नेतृत्व में इस संगीन मामले की तफ्तीश की जा रही है. बाहरी जिले के डीसीपी हरेन्द्र सिंह के साथ द्वारका जिले के डीसीपी एम हर्षवर्धन को भी तफ्तीश टीम में शामिल किया गया हैं.

स्पेशल कमिश्नर सागर प्रीत हुड्डा ने बताया कि किसी भी तरह से तफ्तीश में कोई कमी न रह जाए,अदालत में केस फेल न हो, इसके लिए कड़े से कड़ा सबूत जुटाए जा रहे हैं. तफ्तीश में आने वाले तथ्यों के आधार पर जो भी सख्त धारा है वह लगाई जाएगी. पुलिस बहुत जल्द ही सख्त/मजबूत चार्जशीट बनाएगी.

सागर प्रीत हुड्डा ने बताया कि तफ्तीश में अब तक के साक्ष्यों/ तथ्यों के आधार पर पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि यह मामला गैर इरादतन हत्या (धारा 304) का फिट केस है.

तफ्तीश के अनुसार यह मामला हत्या की धारा 302 का नहीं बनता है क्योंकि हत्या यानी दफा 302 में हत्या के लिए मकसद /मोटिव और नीयत /इरादा/ इंटेंशन होना बहुत जरुरी होता है. पुख्ता सबूतों के आधार पर पुलिस बहुत ही मजबूत केस बना पाएगी. तफ्तीश में चश्मदीदों के बयान, सीसीटीवी कैमरे की फुटेज, आरोपियों के मोबाइल फोन के रिकार्ड तथा अन्य अहम सबूत जुटाए जा रहे है. आरोपियों ने पूछताछ के दौरान जो भी बताया है उसे वैरीफाई किया जा रहा है. आरोपी उस रात जिन सड़कों से गुजरे थे उन रास्तो पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज और आरोपियों के फोन की सीडीआर का मिलान करके सच्चाई का पता लगाया जा रहा हैं.

इस मामले में दो अन्य लोगों की भूमिका का पता चला है. वारदात में इस्तेमाल कार के मालिक आशुतोष को गिरफ्तार कर लिया गया है और आरोपी अमित खन्ना के भाई अंकुश खन्ना की इस मामले में तलाश की जा रही हैं. तफ्तीश में पता चला है कि कार मालिक को मालूम था कि कार कौन ले गया था, लेकिन उसने पुलिस को गलत सूचना दी थी. आरोपियों ने पुलिस को बताया था कि कार दीपक चला रहा था. लेकिन तफ्तीश में पता चला कि कार अमित खन्ना चला रहा था. अमित खन्ना के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है इसलिए उसे बचाने के नीयत से अंकुश खन्ना द्वारा भी पुलिस को गलत जानकारी दी गई.

तफ्तीश के दौरान पुलिस को पता चला कि एक्सीडेंट के समय अंजलि के साथ उसकी दोस्त निधि भी थी. निधि का मैजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज करा दिया गया है. अंजलि और उसकी दोस्त निधि का आरोपियों से कोई पुराना कनेक्शन नहीं मिला है. निधि ने मीडिया को बताया कि अंजलि ने शराब पी रखी थी लेकिन अंजलि के पोस्टमार्टम की आरंभिक रिपोर्ट में शराब पीने की बात नहीं आई.

सुलतान पुरी थाना के कृष्ण विहार इलाके में इलाके में 31 दिसंबर की आधी रात के बाद करीब दो बज कर पांच मिनट पर बलेनो कार ने अंजलि की स्कूटी को टक्कर मार दी थी. अंजलि कार के नीचे फंस गई. आरोपी दो घंटे से ज्यादा समय तक कार चलाते रहे जिससे अंजलि की सड़क पर घिसटने से बहुत ही दर्दनाक मौत हुई. कंझावला इलाके में सुबह चार बजकर 11 मिनट पर अंजलि की लाश मिली थी. शव पीठ के बल पड़ा हुआ था.शव को पलट कर देखा गया तो रौंगटे खड़ा करने वाला दृश्य था. लड़की के सिर के पिछले हिस्से से कमर तक चमड़ी उतरी हुई थी. हड्डियां नज़र आ रही थी.

सुलतान पुरी पुलिस ने एक जनवरी को इस मामले में अमित खन्ना, दीपक खन्ना, मनोज मित्तल, कृष्ण और मिथुन को गिरफ्तार किया.

इस मामले में पुलिस पर गंभीर आरोप लगे हैं कि पीसीआर को लाड पुर गांव के दीपक दहिया द्वारा समय पर सूचना देने के बावजूद पुलिस ने आरोपियों को तुरंत नहीं पकड़ा. पुलिस ने शुरुआत में हल्की धारा (279,304 ए) में लापरवाही के कारण हुई मौत का मामला दर्ज किया. केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर स्पेशल पुलिस कमिश्नर शालिनी सिंह द्वारा पुलिस पर लगे आरोपों की जांच की जा रही है.

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