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कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने FIR पर लगाई रोक

दिग्विजय सिंह को आज हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज पांच एफआईआर पर रोक लगा दी है

भोपाल : हाईकोर्ट ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ दर्ज की गई FIR पर रोक लगाई है. पांच एफआईआर दर्ज होने के खिलाफ हाईकोर्ट में दिग्विजय सिंह ने याचिका दी थी. एक ही मामले पर पांच FIR दर्ज की गई थी. याचिका में तर्क दिया गया कि एक ही मामले पर पांच एफआईआर जगह नहीं हो सकती।

हाईकोर्ट ने केवल एक FIR रोककर बाकी सभी पर फिर स्टे लगाया है. दिग्विजय सिंह द्वारा गुरू गोलवलकर के विचारों को लेकर अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई थी .पोस्ट के संबंध में दिग्विजय सिंह के खिलाफ थानों में बीजेपी ने एफआईआर दर्ज कराई थी।

दिग्विजय सिंह के वकील  दिया तर्क

दिग्विजय सिंह के वकील विभोर खण्डेलवाल ने जज संजय द्विवेदी की कोर्ट में पैरवी करते हुए तर्क दिया कि एक ही कृत्य के लिए दो या अधिक एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती, लेकिन फिर भी शासन उनके पक्षकार के विरुद्ध दुर्भावनापूर्वक कार्रवाई की गई है. खण्डेलवाल ने सुप्रीम कोर्ट के अनेक न्याय दृष्टांत प्रस्तुत करते हुए हाईकोर्ट से दिग्विजय सिंह को अंतरिम राहत दिए जाने की प्रार्थना की।

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में तस्वीर शेयर करते हुए लिखा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने इसी साल जुलाई माह में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा,”गुरु गोलवलकर जी के दलितों-पिछड़ों और मुसलमानों के लिए व राष्ट्रीय जल जंगल व जमीन पर अधिकार पर क्या विचार थे, अवश्य जानिए. राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने जो तस्वीर पोस्ट की उसमें लिखा “सदाशिव राव गोलवलकर ने अपनी पुस्तक ‘वी एंड अवर नेशनहुड आईडेंटिफाइड’ में स्पष्ट लिखा है,जब भी सत्ता हाथ लगे तो सबसे पहले सरकार की धन संपत्ति, राज्यों की जमीन और जंगल पर अपने दो तीन विश्वसनीय धनी लोगों को सौंप दें. 95% जनता को भिखारी बना दें उसके बाद सात जन्मों तक सत्ता हाथ से नहीं जाएगी”।

इसी पोस्ट में गुरु गोलवलकर के चित्र के नीचे लिखा था कि, “मैं सारी जिंदगी अंग्रेजों की गुलामी करने के लिए तैयार हूं लेकिन जो दौलत पिछड़ों और मुसलमानों को बराबरी का अधिकार देती हो ऐसी आज़ादी मुझे नहीं चाहिए. गोलवलकर गुरुजी 1940.कृपया ज्यादा से ज्यादा शेयर करें”।

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