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इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वाले ग्राहकों को बड़ी राहत, सभी ग्राहकों को छूट और सब्सिडी का लाभ मिलेगा

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

लखनऊ : अक्टूबर में ईवी पॉलिसी लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश में जिन लोगों ने इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदा है, लेकिन पॉलिसी में प्रस्तावित रोड टैक्स, पंजीकरण में छूट और सब्सिडी का लाभ नहीं मिला है तो उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वाले ग्राहकों को बड़ी राहत प्रदान की है। ऐसे सभी ग्राहकों को जल्द पॉलिसी में प्रस्तावित छूट और सब्सिडी का लाभ मिलेगा। सभी पात्र ईवी खरीदारों को इसके लिए कहीं आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी बल्कि पंजीकरण के आधार पर रोड टैक्स व सब्सिडी उनके बैंक अकाउंट में स्वतः रिफंड हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार ने अक्टूबर में ईवी पॉलिसी को मंजूरी प्रदान की थी, लेकिन तकनीकी कारणों से इसका इंप्लीमेंटेशन नहीं हो सका था। हालांकि अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पॉलिसी को तेजी से इंप्लीमेंट किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। परिवहन विभाग के अनुसार जल्द ही इससे संबंधित सर्कुलर जारी कर दिया जाएगा और अक्टूबर में पॉलिसी लागू होने के बाद से जिन भी ग्राहकों ने ईवी खरीदी है, तय नियम शर्तों के आधार पर उन्हें उसका रिफंड दिया जाएगा।

पूरी प्रक्रिया हो रही ऑनलाइन
उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के अनुसार कुछ तकनीकी समस्याओं के कारण पॉलिसी का इंप्लीमेंटेशन नहीं हो सका है। दरअसल यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो रही है और एनआईसी द्वारा तैयार सॉफ्टवेयर के माध्यम से इसे लागू किया जाना है। पहले ईवी पर 75 प्रतिशत छूट दी जा रही थी, लेकिन पॉलिसी में हमने इस पर 100 प्रतिशत छूट देने का निर्णय लिया है। इसे एनआईसी अपडेट कर रहा है। एनआईसी नया सॉफ्टवेयर विकसित करके देगा। इसके बाद यह तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया जाएगा। वहीं अपर परिवहन आयुक्त वीके सोनकिया ने बताया कि वाहनों का पंजीकरण और टैक्स वाहन सॉफ्टवेयर के जरिए लिया जाता है। पॉलिसी में जो छूट दी गई है, वो सॉफ्टवेयर में सम्मिलित नहीं है। इसे सम्मिलित करने का काम एनआईसी करता है, क्योंकि यह सॉफ्टवेयर एनआईसी का ही है। एनआईसी ने करीब-करीब इस सॉफ्टवेयर को विकसित कर दिया है। सिस्टम तैयार होते ही इसे लागू कर दिया जाएगा। जिन ग्राहकों ने पॉलिसी को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद ईवी खरीदी है, उन्हें इसका लाभ मिलेगा। उनके टैक्स व पंजीकरण का पैसा उनके अकाउंट में रिफंड हो जाएगा। जहां तक सब्सिडी की बात है तो यह भी रिफंड होगा, लेकिन यह एनआईसी नहीं करता है। इसके लिए एसबीआई निक्सी के साथ मिलकर सॉफ्टवेयर डेवलप कर रही है। सॉफ्टवेयर तैयार होते ही सब्सिडी भी रिफंड हो जाएगी। किसी ग्राहक को अलग से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी। उनके पंजीकरण के आधार पर ही रिफंड की कार्रवाई विभाग द्वारा की जाएगी।

पंजीकरण, टैक्स में छूट के साथ वाहनों के फैक्ट्री मूल्य पर दी जानी है सब्सिडी
उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति के अनुसार प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर ग्राहकों को भारी सब्सिडी मिलेगी। इसके साथ ही नई नीति की प्रभावी अवधि के पहले तीन वर्षों के दौरान इलेक्ट्रिक वाहनों की सभी श्रेणियों की खरीद पर 100 प्रतिशत रोड टैक्स और पंजीकरण फीस से भी छूट मिलेगी। यदि इलेक्ट्रिक वाहन का निर्माण राज्य में किया गया है तो यह छूट चौथे और पांचवें वर्ष में भी मिलना जारी रहेगी। यही नहीं, प्रदेश में खरीदे गए इलेक्ट्रिक वाहनों के फैक्ट्री मूल्य पर 15 प्रतिशत की सब्सिडी भी दी जाएगी। इसमें पहले दो लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर 5,000 रुपये प्रति वाहन, पहले 50,000 इलेक्ट्रिक तीन पहिया वाहनों पर अधिकतम 12,000 रुपये और पहले 25,000 इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों के लिए प्रति वाहन पर एक लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। वहीं, प्रदेश में खरीदी गई पहली 400 बसों पर प्रति ई-बस 20 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। साथ ही अधिकतम 1000 ई गुड्स कैरियर्स को प्रति वाहन 1,00,000 तक ई-गुड्स कैरियर्स की खरीद के लिए फैक्ट्री मूल्य पर 10 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। सरकारी कर्मचारियों को भी इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए सरकार प्रोत्साहित करेगी। इसके लिए राज्य सरकार कर्मचारियों को एडवांस लेने की भी अनुमति देगी।

यूपी को ईवी का ग्लोबल हब बनाने की तैयारी
प्रदेश सरकार की ईवी नीति का मकसद न सिर्फ राज्य में इको-फ्रेंडली परिवहन सिस्टम विकसित करना है, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों, बैटरी और संबंधित उपकरणों के मैन्युफैक्चरिंग के लिए उत्तर प्रदेश को ग्लोबल हब भी बनाना है। नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2022 में त्रिआयामी प्रोत्साहन व्यवस्था का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत यूजर्स द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदारी के लिए, इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण के लिए, चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग सेवाओं के लिए प्रावधान किए गए हैं। इसके अलावा यह पॉलिसी ईवी बैटरी और ईवी निर्माण में बड़े निवेश को आकर्षित करने के प्रावधानों को भी तवज्जो देती है। नई नीति के तहत न्यूनतम पहली दो अल्ट्रा मेगा बैटरी परियोजनाओं के लिए अधिकतम 1,000 करोड़ रुपये प्रति परियोजना के निवेश पर 3 प्रतिशत की दर से पूंजीगत सब्सिडी दी जाएगी। जिसमें राज्य में न्यूनतम 1 गीगावॉट की उत्पादन क्षमता वाले बैटरी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने के लिए 1,500 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा का निवेश किया जाता है। सरकार को इस पॉलिसी के तहत होने वाले भारी भरकम निवेश के माध्यम से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से 10 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना जताई गई है।

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