केंद्र सरकार को बड़ी राहत : असंवैधानिक नहीं है नोटबंदी का फैसला – सुप्रीम कोर्ट
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नोटबंदी का फैसला असंवैधानिक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के 2016 में 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले को बरकरार रखा है।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि नोटबंदी का फैसला लेते समय अपनाई गई प्रक्रिया में कोई खामी नहीं थी, इसलिए अधिसूचना को रद्द करने की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि आरबीआई के पास नोटबंदी के बाद चलन से बाहर हो चुके नोटों को प्रसारित करने का स्वतंत्र अधिकार नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि इसके साथ ही केंद्र सरकार आरबीआई की सिफारिश के बाद ही इस तरह का फैसला ले सकती है। नोटबंदी के उद्देश्य का जिक्र करते हुए न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उद्देश्य हासिल हुआ या नहीं।
8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री मोदी अचानक टीवी पर आए और नोटबंदी के फैसले का ऐलान किया। इस घोषणा के बाद पूरे देश में उत्साह था। इसके बाद से लोग अपने पुराने नोट बदलवाने के लिए सुबह से रात तक एटीएम और बैंकों के सामने कतारों में खड़े रहे। पुराने नोटों को नए नोटों में बदलने का सिलसिला कई दिनों तक चला। लोगों को कई आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा।
इससे पहले पीठ ने केंद्र के 2016 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि, आरबीआई के वकील और वरिष्ठ न्यायाधीश पी चिदंबरम, श्याम दीवान और याचिकाकर्ताओं के वकील की दलीलें सुनी थीं। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस बीच आज सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाओं को खारिज कर केंद्र सरकार को बड़ी राहत दी है।