छत्तीसगढ़

मत्स्य उत्पादन में देश के छठवें स्थान पर हैं छत्तीसगढ़

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने मछली पालन व्यवसाय को कृषि का दर्जा दिया है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ मत्स्य बीज उत्पादन और मत्स्य उत्पादन में देश के छठवें स्थान पर हैं। प्रदेश में पिछले चार सालों में मत्स्य बीज उत्पादन में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अब इसका उत्पादन 302 करोड़ स्टेण्डर्ड फ्राई हो गया है। साथ ही मछली पालन करने वाले किसानों को 40 से 60 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है। राज्य में नील क्रांति और प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के माध्यम से 9 चायनीज हेचरी और 364.92 हेक्टेयर संवर्धन क्षेत्र नया निर्मित हुआ है। इससे राज्य में मत्स्य उत्पादन में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह अब बढ़कर 5.91 लाख टन हो गया है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य में पिछले चार वर्षों में 2400 से ज्यादा तालाब बनाए जा चुके हैं। इसी के साथ जलाशयों और बंद पड़ी खदानों में अतिरिक्त और सघन मछली उत्पादन के लिए 6 बाय 4 बाय 4 मीटर के केज स्थापित करवाए गए है। चार वर्षों में 3637 केज स्थापित हुए है। इस केज से प्रत्येक हितग्राही को 80 हजार से 1.20 लाख रूपए तक आय होती है। प्रदेश में चार सालों में 6 फीड भी निजी क्षेत्रों में स्थापित हो चुके है।

जशपुर जिले के ग्राम कुनकुरी के श्री विनोद केरकेट्टा बताते है कि उन्होंने पहले शौक से मछली पालन शुरू किया। उनके पास दो छोटे-छोटे तालाब थे। सरकार की योजनाओं का लाभ लेते हुए पिछले 4 साल से वे व्यवसायिक रूप से मछली पालन कर रहे है। अब उनके पास कुल 5 एकड़ जमीन में डेढ़-डेढ़ एकड़ के दो तालाब और 50-50 डिसमिल के दो तालाब यानी कुल 4 तालाब है। इन चार तालाब में मछली पालन करके वे सालभर में 15 लाख रूपए की मछलियां बेचते हैं।

Related Articles

Back to top button