Ranbir Kapoor की Animal पर भड़कीं कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन, बोलीं - ‘ऐसी फिल्मों से समाज पर बुरा असर पड़ रहा.”
रणबीर कपूर की फिल्म 'एनिमल' देखकर कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा कि, ऐसी फिल्में हमारे समाज पर बुरा असर डाल रही है. सेंसर बोर्ड इन्हें पास कैसे कर सकता है
दिल्ली : रणबीर कपूर और बॉबी देओल की फिल्म ‘एनिमल’ इन दिनों बॉक्स ऑफिस के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी धूम मचा रही है. एक तरफ जहां एक्टर के फैंस की फिल्म की तारीफ करते नहीं थक रहे. वहीं दूसरी तरफ एक वर्ग ऐसा भी जिसे फिल्म में दिखाई गई हिंसा बिल्कुल भी रास नहीं आ रही है और वो फिल्म की जमकर आलोचना कर रहे हैं. इसमें से एक कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन भी है. जो राज्यसभा में फिल्म का मुद्दा उठाते दिखी.
सिनेमा समाज का आईना है – रंजीत रंजन
रंजीत रंजन ने राज्यसभा में कहा, ”सिनेमा समाज का आईना है. हम लोग फिल्में देखकर बड़े हुए हैं और सिनेमा का हमारे जीवन पर काफी प्रभाव है. खासकर युवाओं के जीवन पर. आजकल कुछ इस तरह की फिल्में आ रही हैं, आप ‘कबीर सिंह’ से शुरू करें, ‘पु्ष्पा’ से शुरू करें और अभी एक ‘एनिमल’ पिक्चर चल रही है.
‘मेरी बेटी थिएटर्स से रोते हुए निकली‘
रंजीत रंजन ने राज्यसभा में ‘एनिमल’ पर भड़कते हुए दिखे. उन्होंने कहा, ”मेरी बेटी कॉलेज में सेकेंड ईयर में पढ़ती हैं. वो अपनी सहेलियों के साथ फिल्म देखने गई थी, लेकिन उन सबको आधी पिक्चर बीच में छोड़कर आनी पड़ी, वो भी रोते हुए. फिल्म में इतनी हिंसा, महिलाओं के साथ अन्याय जस्टीफाई करना ये सोचनीय विषय है.”
‘ऐसी फिल्मों से प्रेरणा लेकर होते हैं अपराध‘
रंजीत रंजन यहीं नहीं रूकी उन्होंने आगे कहा कि, ”बहुत से उदाहरण हैं कि ऐसे पिक्चर में दिखाए जा रहे हीरो को हमारे 11वीं और 12वीं में पढ़ने वाले बच्चे रोल मॉडल मानने लगे हैं. हमें समाज में कई बार ऐसी घटनाएं देखने को मिलती हैं जिसकी इंस्पिरेशन वो फिल्मों से लेकर आते हैं.”
फिल्म के ‘गंडासी’ गाने पर भी उठाए सवाल
रंजीत ने कहा कि, पंजाब का उच्च कोटि का इतिहास रहा है. लेकिन फिल्म में गाना है ‘गंडासी मारी’ इस आप बैकग्राउंड में दिखाकर हमारी आस्था को भी चोट पहुंचा रहे हैं. इसके अलावा एक लड़का हॉस्टल, बिल्डिंग में हथियार लेकर लोगों को मारता है और कोई भी कानून उसको सजा नहीं देता है. ये भी पिक्चर में हम जस्टिफाई कर रहे हैं.”
सेंसर बोर्ड कैसे दे रहा बढ़ावा- रंजीत रंजन
रंजीत रंजन ने ये सवाल भी उठाया कि सेंसर बोर्ड ऐसी फिल्मों को बढ़ावा कैसे दे रहा है. कैसे ऐसी फिल्में पास होकर आ रही हैं जो हमारे समाज के लिए बीमारी हैं. ऐसी फिल्मों का कोई स्थान हमारे समाज में नहीं होना चाहिए.