किसान के बेटे की दंगे में मौत...बीजेपी ने दिया टिकट, छह बार के विधायक को हराया
साजा सीट से साधारण किसान ईश्वर साहू ने छह बार के विधायक और मंत्री रवींद्र चौबे को हराकर सबको चौंका दिया. दूसरे समुदाय के साथ हिंसक झड़प में ईश्वर के बेटे की मौत हो गई. इससे लोगों में आक्रोश था.
बेमेतरा: छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले की साजा सीट पर बेहद दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला. यहां साधारण किसान ईश्वर साहू ने छह बार के विधायक और मंत्री रहे रवींद्र चौबे को हराकर चौंका दिया. दूसरे समुदाय के साथ हिंसक झड़प में ईश्वर के बेटे की मौत हो गई. इससे लोगों में आक्रोश था. जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने ईश्वर को टिकट दिया था. बीजेपी की इस जीत को बड़ी रणनीतिक सफलता के तौर पर देखा जा रहा है. ईश्वर साहू को कुल 101789 वोट मिले और उन्होंने पूर्व मंत्री रवींद्र चौबे को 5196 वोटों से हरा दिया |
ईश्वर साहू के बेटे भुवनेश्वर साहू की हिंसक झड़प में हत्या कर दी गई थी
इसी साल अप्रैल में छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले की साजा सीट पर सांप्रदायिक दंगे हुए थे। स्कूल में हुई लड़ाई से शुरू हुई इस घटना ने जल्द ही सांप्रदायिक दंगों का रूप ले लिया. इस घटना में दो मुस्लिम और एक हिंदू व्यक्ति की मौत हो गई. दोनों तरफ से आगजनी की घटनाएं हुईं. घर जला दिए गए. इन हिंसक झड़पों में भुवनेश्वर साहू की मौत हो गई. बीजेपी ने भुवनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू को टिकट दिया था |
ईश्वर साहू की भावनात्मक अपील और साहू वोटर रहे निर्णायक
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि ईश्वर साहू को यह चुनाव भावनात्मक तरीके से लड़ना चाहिए. इस सीट पर करीब 60 हजार साहू मतदाता हैं. वह निर्णायक रहे हैं. बीजेपी ने पूरी कोशिश की कि साहू समाज का एकमुश्त वोट ईश्वर साहू के पक्ष में पड़े. इस सीट पर साहू समाज के अलावा लोधी समाज बड़ी संख्या में है. बीजेपी सभी जातियों को भगवान के साथ खड़ा करने की कोशिश कर रही थी. जानकारों का मानना है कि ईश्वर साहू को उम्मीदवार बनाकर बीजेपी ने चुनाव जीत लिया है |