पांच कट्टर नक्सलियों ने पुलिस के सामने किया सरेंडर, इस साल 300 से ज्यादा ने किया सरेंडर
बीजापुर जिले में 5 हार्डकोर नक्सलियों ने बीजापुर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. ये सभी नक्सली जिले के विभिन्न इलाकों में 32 बड़ी नक्सली घटनाओं में शामिल रहे हैं.
बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 5 हार्डकोर नक्सलियों ने बीजापुर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. ये सभी नक्सली जिले के विभिन्न इलाकों में 32 बड़ी नक्सली घटनाओं में शामिल रहे हैं. खास तौर पर विधायक विक्रम मंडावी के काफिले पर फायरिंग, आईईडी ब्लास्ट कर जवानों को नुकसान पहुंचाने और फायरिंग के साथ गुप्तचर सैनिकों को मारने समेत कई बड़ी घटनाओं में वह शामिल रहा है |
पुलिस ने इन पर इनाम घोषित कर रखा था और काफी समय से इनकी तलाश कर रही थी
लेकिन इन नक्सलियों ने अपने बड़े नक्सली नेताओं की प्रताड़ना से तंग आकर और सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर बीजापुर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में गंगालूर और भैरमगढ़ एरिया कमेटी के मिलिशिया कमांडर समेत डिप्टी कमांडर, मिलिशिया सदस्य और जीआरडी सदस्य शामिल हैं. इनके नाम पयकु हेमला, गुड्डु ताती, सन्नी ताती, संतू पोटाम और सोनारू पोटाम हैं। वहींबीजापुर पुलिस ने इन आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत 25-25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी है. यह भी कहा गया है कि जल्द ही आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत अन्य सरकारी सुविधाओं का लाभ दिया जाएगा |
सरेंडर करने वाले नक्सली बड़े नक्सली नेताओं के साथ काम कर चुके हैं
बीजापुर एसपी अंजनेय वार्ष्णेय ने बताया कि सरेंडर करने वाले सभी नक्सली लंबे समय से माओवादी संगठन में सक्रिय थे और कई बड़ी नक्सली घटनाओं में शामिल रहे हैं। इन नक्सलियों में पायकू हेमला, गुड्डु ताती, सन्नू ताती और सुमारू पोटाम इनामी नक्सली हैं और कई बड़ी नक्सली घटनाओं में शामिल रहे हैं. इन नक्सलियों के खिलाफ बीजापुर जिले के अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं. यहां पुलिस को उनके सरेंडर में बड़ी सफलता हासिल हुई.इन नक्सलियों के आत्मसमर्पण से सक्रिय बड़े नक्सली नेताओं के बारे में कई अहम खुलासे हो सकते हैं,
क्योंकि ये नक्सली बड़े नेताओं के साथ काम कर चुके हैं. सरेंडर करने के बाद इन नक्सलियों का कहना है कि वे अब सरकार के विकास में सहयोग करना चाहते हैं. जिस तरह से बड़े नक्सली नेताओं ने स्थानीय ग्रामीणों को नक्सली बनाकर उनका शोषण किया है, उससे कई नक्सली आत्मसमर्पण करना चाहते हैं. उनका कहना है कि आने वाले समय में और भी स्थानीय नक्सली आत्मसमर्पण कर सकते हैं |
एक साल में 300 से ज्यादा नक्सलियों ने किया सरेंडर
इधर, बस्तर संभाग के विभिन्न जिलों की पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत महज एक साल में 300 से ज्यादा नक्सली नक्सली संगठन छोड़कर सरेंडर कर चुके हैं। पुलिस इसे बड़ी कामयाबी मान रही है. वहीं, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आने वाले नए साल में कई नक्सली संगठन छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो सकते हैं. इधर, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत लाभ दिया जा रहा है. जिसमें उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ रहने के लिए मकान और एक अच्छी जिंदगी दी जा रही है |