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सम्मेद शिखर की पवित्रता और सुचिता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है सरकार : हेमंत सोरेन

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

रांची : झारखंड के गिरिडीह जिले में पारसनाथ में सम्मेद शिखर विवाद के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखकर राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी है। सीएम हेमंत ने लिखा है कि राज्य सरकार सम्मेद शिखर की पवित्रता और सुचिता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी कारण से गिरिडीह के जिलाधिकारी और आरक्षी अधीक्षक को आवश्यक निर्देश जारी किया गया है। जारी निर्देश में इस स्थल पर पुलिस की गश्ती को बढ़ाने को कहा गया है।

सम्मेद शिखर पौराणिक से ही जैन समुदाय का प्रसिद्ध, पवित्र और पूजनीय स्थल रहा है। मान्यता के अनुसार इस स्थान पर जैन धर्म कुल 24 तीर्थंकरों में से 20 के द्वारा निर्वाण प्राप्त किया गया है। इसी कारण से भारत एवं विश्व के कोने-कोने से जैन धर्मावलंबी इस स्थान पर तीर्थ करने आते हैं। यही कारण रहा है कि झारखंड पर्यटन नीति 2021 में सम्मेद शिखर को तीर्थ स्थल मानते हुए धार्मिक तीर्थ क्षेत्र के रूप में विकसित करने का उल्लेख है।

पूर्व में भी इस स्थल की पवित्रता बरकरार रखने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रतिबद्धता जाहिर की गई है। इसके अलावा इस स्थल के समुचित विकास और इस क्षेत्र में व्यावसायिक क्रियाकलापों के विनियमन के लिए राज्य सरकार द्वारा पर्यटन सचिव की अध्यक्षता में पारसनाथ पर्यटन विकास प्राधिकार गठित है, जिसमें 6 गैर सरकारी निदेशकों को भी सदस्य बनाया जाना है। गैर सरकारी निदेशकों के चयन की कार्रवाई चल रही है।

इस प्राधिकार के कार्यकारी हो जाने से यहां आने वाले श्रद्धालुओं के धार्मिक भावना के अनुसार इस क्षेत्र की व्यावसायिक गतिविधियों का विनियमन हो सकेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आगे लिखा है कि वर्तमान में कई जैन अनुयायियों से इस स्थल की पवित्रता और सुचिता को बनाए रखने एवं पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अधिसूचना को निरस्त करने के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं। अधिसूचना में तीर्थ स्थल को पर्यटन सहित पारिस्थितिक पर्यटन घोषित करने का उल्लेख है, जिस पर जैन समुदाय ने आपत्ति दर्ज कराई है।
(जी.एन.एस)

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