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Indradev Maharaj Katha: ‘अरे, जाकर इसका ब्लाउज खोलो और देखो, ये सीता…’ कथावाचक ने रामलीला के पात्रों पर शर्मनाक टिप्पणी की.

Indradev Maharaj Katha: देशभर में ऐसे कई कथावाचक हैं जो अपने प्रवचनों से लोगों के दिलों में खास जगह बनाते हैं। इन कहानीकारों की कहानियाँ...

मथुरा, Indradev Maharaj Katha: देशभर में ऐसे कई कथावाचक हैं जो अपने प्रवचनों से लोगों के दिलों में खास जगह बनाते हैं। इन कहानीकारों की कहानियाँ सुनने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। लेकिन, इन दिनों कुछ कहानीकारों द्वारा कुछ ऐसे कमेंट्स किए जा रहे हैं, जिससे लोग नाराज हो रहे हैं. ऐसे में कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के राधा रानी को लेकर दिए गए बयान पर गुस्सा शांत हो चुका था, लेकिन अब लोगों का गुस्सा एक और भागवत प्रवक्ता पर फूट पड़ा है, जिन्होंने रामलीला के पात्रों पर अभद्र टिप्पणी की है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला…

रामलीला के पात्रों पर शर्मनाक टिप्पणी

उत्तर प्रदेश के मथुरा के वृन्दावन में व्यास गद्दी पर बैठे भागवत प्रवक्ता इंद्रदेव महाराज ने रामलीला मंचन में माता सीता और अन्य पात्रों का अभिनय करने वाले कलाकारों पर बेहद शर्मनाक टिप्पणी की है, जिसका वीडियो अब सामने आ गया है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस टिप्पणी पर लोगों में गुस्सा फूट पड़ा. विरोध के बाद कथावाचक ने अपनी अभद्र टिप्पणी पर खेद जताया और बयान को महज व्यंग्य करार दिया, जिसके बाद लोगों का गुस्सा और भड़क गया.

सीता के किरदार पर कही ये बात

परिक्रमा मार्ग में श्री राधा किशोरी धाम आश्रम के महंत महामंडलेश्वर स्वामी इंद्रदेव महाराज के वायरल हो रहे वीडियो को लेकर बताया गया कि कुछ साल पहले श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के वक्त व्यास गद्दी से रामलीला के पात्रों पर टिप्पणी की थी, जिसकी वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इंद्रदेव महाराज  ने कहा था कि रामलीला में जो राम बनता वो ज्यादातर देसी दारू पीता। जो सीता बनता (साड़ी पहनकर) वो बीड़ी पीता। टेंट के पीछे धुआं चल रहा होता। जो रावण-कुंभकरण बनता वो टेंट के पीछे पत्ता खेलता। जैसे ही मंच पर वेशभूषा में आते गांव के लोग आरती और रुपया लेकर पांव छूने को लड़ पड़ते। सबेरे हमारे यहां न्यौता है। सीता का व्याह है, कन्यादान हमारी तरफ से हो। मैंने कहा- अरे जाकर ब्लाउज खोलकर देख ले, ये सीता नहीं है, पूरा कुंभकरण है। वो तो भला हो कि टाइट ब्लाउज है, वरना

कथावाचक ने दी सफाई

इंद्रदेव महाराज का कहना है कि उनके द्वारा व्यास पीठ से जो बयान दिया गया उसे कुछ लोगों ने तोड़-मरोड़ कर पेश किया है। उनका कहने का आशय था कि जिस तरह से रामलीला के दौरान कुछ पात्र पर्दे के पीछे इस तरह की हरकत करते हैं और मंच पर लोग उनकी पूजा करते हैं। जब लोगों को यह हकीकत पता चलती है तो उनकी आस्था को ठेस पहुंचती है। उन्होंने ऐसे छद्म वेश धारियों से सावधान रहने के लिए भक्तों को आगाह किया था. न कि किसी की आस्था को ठेस पहुंचे, फिर भी यदि किसी को उनकी बात से ठेस पहुंची हो तो वह उसके लिए क्षमा मांगते हैं।

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