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जल्लीकट्टू : केवल 300 बैलगाड़ियों और 150 दर्शकों को भाग लेने की अनुमति

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

मदुरै : तमिलनाडु के मदुरै के तीन गांवों में रविवार को पोंगल के मौके पर जल्लीकट्टू खेल की शुरुआत हुई। जल्लीकट्टू के दौरान 19 लोग घायल हुए हैं। इनमें से 11 को इलाज के लिए मदुरै के सरकारी राजाजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

जल्लीकट्टू को इरु थझुवुथल और मनकुविरत्तु के नाम से भी जाना जाता है। यह खेल पोंगल उत्सव का एक हिस्सा है। मदुरै के अवनीपुरम में रविवार को जल्लीकट्टू का आयोजन होता है। पलामेडु में सोमवार को जल्लीकट्टू और मंगलवार को अलंगानलुर में जल्लीकट्टू का आयोजन होगा। जल्लीकट्टू एक ऐसा खेल है जिसमें एक सांड भीड़ में छोड़ दिया जाता है और उसे नियंत्रित करने की कोशिश करता है। इस खेल में भाग लेने वाले लोगों को सांड को पकड़ना और नियंत्रित करना होता है।

जल्लीकट्टू में केवल 300 बैलगाड़ियों और 150 दर्शकों को भाग लेने की अनुमति है। लगभग 10,000 बैलों और 5,400 बैलों के मालिकों ने पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। उनमें से केवल 800 सांडों को ही भाग लेने की अनुमति दी गई थी। एक सांड तीन में से केवल एक इवेंट में भाग ले सकता है। जल्लीकट्टू केवल सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक ही खेला जा सकता है।

बैल लगभग 2500 वर्षों से तमिलनाडु के लोगों की मान्यताओं और परंपराओं का हिस्सा रहा है। यहां के लोग हर साल मकर संक्रांति पर खेतों में फसल कटने के बाद पोंगल का त्योहार मनाते हैं। पोंगल का मतलब तमिल में उबलना होता है। इस दिन से उनके नए साल की शुरुआत होती है। इस तीन दिवसीय उत्सव के अंतिम दिन बैलों की पूजा की जाती है । उन्हें सजाया जाता है। इसके बाद जल्लीकट्टू खेल शुरू होता है।

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