रायपुर
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Mahamaya Temple in Navratri: घी में मिलावट…इस वजह से महामाया मंदिर समेत छत्तीसगढ़ के कई मंदिरों में नवरात्रि के दौरान मां की ज्योत नहीं जलेगी.

Mahamaya Temple in Navratri: नकली घी को लेकर चल रहे विवाद का असर अब छत्तीसगढ़ के मंदिरों पर भी पड़ा है. इस बार नवरात्रि के दौरान कई प्रमुख मंदिरों में घी के दीपक जलाने पर प्रतिबंध लगा......

रायपुर,Mahamaya Temple in Navratri: नकली घी को लेकर देशभर में चल रहे विवाद का असर अब छत्तीसगढ़ के मंदिरों में भी देखने को मिल रहा है. आज से शुरू हो रहे नवरात्रि उत्सव को देखते हुए कई मंदिरों ने घी के दीपक जलाने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य न केवल मंदिरों की पवित्रता बनाए रखना है बल्कि भक्तों को राहत प्रदान करना भी है।शुद्धता के प्रति जागरूक करना है।

घी विवाद के कारण सख्त हुए नियम

नवरात्र के दौरान देवी पूजा में घी का विशेष महत्व होता है, लेकिन हाल ही में नकली घी को लेकर देशभर में फैले विवाद के चलते छत्तीसगढ़ के प्रमुख मंदिरों ने इस साल घी के दिए नहीं जलाने का फैसला लिया है। रायपुर के पुरानी बस्ती स्थित महामाया मंदिर सहित कई मंदिरों में घी के ज्योत कलश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। इसके साथ ही मंदिर प्रबंधन ने यह सुनिश्चित किया है कि इस नवरात्र में किसी भी प्रकार के घी का उपयोग नहीं किया जाएगा, ताकि श्रद्धालु किसी तरह की शंका या असुविधा से बचे रहें।

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रायपुर और अन्य स्थानों पर भी प्रतिबंध

महामाया मंदिर के अलावा, रायपुर के दंतेश्वरी मंदिर सहित कई अन्य मंदिरों ने भी घी के ज्योत जलाने से इंकार कर दिया है। डोंगरगढ़ स्थित प्रसिद्ध बम्लेश्वरी माता मंदिर में वर्षों से शुद्धता का पालन करते हुए घी के ज्योति कलश जलाने की परंपरा नहीं है। यहां पूजा में शुद्धता और पवित्रता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है, और इसी कारण मंदिर प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि इस बार नवरात्र में घी के बजाय अन्य विकल्पों का इस्तेमाल किया जाएगा।

प्रसाद में भी बदलाव

नकली घी के कारण उपजी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, कई मंदिरों ने प्रसाद में भी घी का उपयोग बंद कर दिया है। इसके स्थान पर ऐसे प्रसाद का वितरण किया जाएगा, जिनमें घी की आवश्यकता नहीं है। जैसे पंचमेवा, मिश्री, नारियल, और फल जैसे शुद्ध और सरल सामग्री का उपयोग किया जाएगा। रायपुर के अलावा, छत्तीसगढ़ के अन्य प्रमुख और प्राचीन मंदिरों में भी इसी तरह की सख्ती बरती जा रही है, ताकि नवरात्र का पर्व शुद्धता और धार्मिक भावनाओं के अनुरूप मनाया जा सके।naidunia_image

राज्य भर के बड़े मंदिर भी शामिल

छत्तीसगढ़ के छोटे-बड़े मंदिरों के साथ ही प्रदेश के कई सिद्ध और प्राचीन मंदिरों ने भी नकली घी के विवाद को गंभीरता से लिया है और इस नवरात्र के दौरान विशेष एहतियात बरतने का निर्णय लिया है। घी के दिए न जलाने वाले इन मंदिरों ने श्रद्धालुओं से भी अपील की है कि वे मंदिरों के नियमों का पालन करें और शुद्धता को ध्यान में रखते हुए पूजा-अर्चना करें।

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