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PM Modi On Budget Session: ‘संसद देश के लिए है, पार्टी के लिए नहीं’… सदन में घुसने से पहले पीएम मोदी ने क्यों कहा ये बात? यहां जानें

PM Modi On Budget Session: संसद का मानसून सत्र आज यानी सोमवार से शुरू हो रहा है. इसी क्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को....

नई दिल्ली,PM Modi Latest Speech: संसद का मानसून सत्र आज यानी सोमवार से शुरू हो रहा है. इसी क्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को केंद्रीय बजट पेश करेंगी. इस सत्र के दौरान विपक्ष नीट पेपर लीक और रेल सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भी सरकार को घेरने की तैयारी में है. पहले दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने संसद भवन परिसर में मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बात की.

PM Modi On Budget Session:  पीएम मोदी ने कहा कि ‘भारत के लोगों की गौरव यात्रा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में देखता हूं

व्यक्तिगत रूप से मुझे भी और हमारे सभी साथियों के लिए भी यह अत्यंत गौरव का विषय है कि करीब साठ साल के बाद कोई सरकार तीसरी बार वापस आई और तीसरी पारी का पहला बजट पेश करने का सौभाग्य प्राप्त हो, ये भारत की गौरव यात्रा की गरिमापूर्ण घटना के रूप में देख रहा है। ये बजट अमृतकाल का एक महत्वपूर्ण बजट है, हमें पांच साल का जो अवसर मिला है, आज का बजट हमारे पांच साल के कार्य की दिशा भी तय करेगा और ये बजट 2047 तक विकसित भारत का जो हमारा सपना है, ये बजट उस सपने की नींव मजबूत करने वाला होगा। ये हर देशवासी के लिए गर्व की बात है कि भारत बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश है। बीते तीन वर्षों में लगातार 8 प्रतिशत की विकास दर से हम आगे बढ़ रहे हैं। आज भारत को लेकर सकारात्मकता बढ़ रही है, निवेश चरम पर है, ये अपने आप में भारत की विकास यात्रा का अहम पड़ाव है।’

‘अब सब एकजुट होकर देश के लिए काम करें’

प्रधानमंत्री ने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि ‘साथियों मैं इस देश के सभी सांसदों से आग्रह करता हूं कि गत जनवरी से लेकर हमारे पास जितना सामर्थ्य था, जितनी लड़ाई लड़नी थी, लड़ ली, जो बात बतानी थी बता दी, लेकिन अब वो दौर समाप्त हुआ, देशवासियों ने अपना निर्णय दे दिया है। अब चुने हुए सभी सांसदों का कर्तव्य है और सभी राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी है कि आने वाले पांच वर्षों तक हमें देश के लिए लड़ना है, देश के लिए जूझना है, एक और नेक बनकर जूझना है। आइए हम आने वाले चार-साढ़े चार साल दल से ऊपर उठकर सिर्फ और सिर्फ देश को समर्पित होकर संसद के इस गरिमापूर्ण सत्र का उपयोग करें।’

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