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छत्तीसगढ़ में बीजेपी के एकमात्र ईसाई विधायक प्रबोध मिंज ने कांग्रेस के वोटरों में सेंध लगायी

मिंज ने कांग्रेस के ईसाई वोटरों में सेंध लगा दी है. इतना ही नहीं, उन्होंने आसपास के विधानसभा क्षेत्रों के ईसाई मतदाताओं का वोट भी बीजेपी उम्मीदवारों को दिलाने में भूमिका निभाई है.

अंबिकापुर. छत्तीसगढ़ में एकमात्र ईसाई विधायक प्रबोध मिंज बीजेपी कोटे से हैं. वे सरगुजा संभाग के लुंड्रा विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं। मिंज 10 साल तक अंबिकापुर नगर निगम के महापौर भी रहे। टिकट मिलने के बाद उनका काफी विरोध हुआ लेकिन पार्टी ने अपना फैसला नहीं बदला. मिंज ने 24 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की है |

मिंज ने कांग्रेस के ईसाई वोटरों में सेंध लगा दी है

इतना ही नहीं, उन्होंने आसपास के विधानसभा क्षेत्रों के ईसाई मतदाताओं का वोट भी बीजेपी उम्मीदवारों को दिलाने में भूमिका निभाई है. उन्होंने सीतापुर से निर्वाचित पूर्व सैनिक रामकुमार टोप्पो के निर्वाचन क्षेत्र के ईसाई मतदाताओं को भी भाजपा को वोट देने के लिए प्रोत्साहित किया। आगामी लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी उनका भरपूर इस्तेमाल कर सकती है |

लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी इनका भरपूर इस्तेमाल कर सकती है

दरअसल, मिंज ने कांग्रेस के ईसाई वोटरों में सेंध लगा दी है. इतना ही नहीं, उन्होंने आसपास के विधानसभा क्षेत्रों के ईसाई मतदाताओं का वोट भी बीजेपी उम्मीदवारों को दिलाने में भूमिका निभाई है. उन्होंने सीतापुर से निर्वाचित पूर्व सैनिक रामकुमार टोप्पो के निर्वाचन क्षेत्र के ईसाई मतदाताओं को भी भाजपा को वोट देने के लिए प्रोत्साहित किया। आगामी लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी उनका भरपूर इस्तेमाल कर सकती है |

लुंड्रा विधानसभा सीट पर

करीब 30 फीसदी ईसाई मतदाता लुंड्रा विधानसभा सीट पर करीब 30 फीसदी ईसाई मतदाता हैं. उनका झुकाव हमेशा कांग्रेस की ओर रहा है. अविभाजित मध्य प्रदेश के दौरान भी कांग्रेस यहां जीतती रही. छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पहली बार साल 2003 में जोगी विरोधी लहर में बीजेपी के विजयनाथ सिंह यहां से 42 वोटों से जीते थे. इसके बाद साल 2008, 2013 और 2018 में कांग्रेस लगातार जीतती आ रही है |

लुंड्रा नाउ मिंज में ओरांव और कंवर जनजाति की बहुलता

बीजेपी को 24 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दिलाई है. इसके पीछे उनके निजी रिश्ते भी अहम माने जाते हैं. उन्हें टिकट देकर बीजेपी ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं. एक तो इसने कांग्रेस के ईसाई वोटों में सेंध लगा दी है और दूसरे, इसने धर्म परिवर्तन के अपने अभियान को मजबूत कर दिया है. आपको बता दें कि लुंड्रा में ओरांव और कंवर जनजाति की बहुलता है |

 

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