राजस्थान सरकार का दो दिवसीय चिंतन शिविर
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
जयपुर : मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में हर वर्ग का सर्वोंगीण विकास हमारी प्राथमिकता है। राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, सामाजिक सुरक्षा एवं उद्योग सहित हर क्षेत्र के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है। गत चार बजट घोषणाओं में जो वायदें किए, उन्हें संकल्पबद्ध होकर पूरा किया गया है। वहीं, आगामी बजट में आमजन से प्राप्त सुझावों को भी शामिल किया जाएगा।
श्री गहलोत मंगलवार को हरिशचंद्र माथुर लोक प्रशासन संस्थान में दो दिवसीय चिंतन शिविर को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने श्रम विभाग के प्रस्तुतिकरण के बाद कहा कि सिलिकोसिस बीमारी के मरीजों को तुरंत सहायता पहुंचाने के साथ ही इसके कारणों पर प्रभावी रोकथाम के लिए सख्त निर्णय लिए जाकर खान मालिकों पर कार्रवाई करें। सिलिकोसिस नीति में जारी प्रोटोकॉल का पालन कराएं, ताकि मरीजों और उनके परिवारजनों को राहत मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निरोगी राजस्थान की संकल्पना में आयुर्वेद की महत्ती भूमिका है। प्रदेश में आयुष नीति जारी करना भी अभिनव पहल है। आयुर्वेद विभाग के प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि इस वर्ष 66 करोड़ रुपए की निःशुल्क औषधियां वितरित की जा चुकी हैं।
सरकारी नौकरियां देने में राजस्थान अग्रणी-
कार्मिक विभाग के प्रस्तुतिकरण में बताया कि राज्य में अब तक 1 लाख 41 हजार 738 पदों पर नियुक्तियां प्रदान की जा चुकी हैं तथा 30 हजार 944 पदों के परीक्षा परिणाम जारी हो चुके हैं। वहीं 1919 पदों के लिए साक्षात्कार किए जाने हैं तथा 9955 पदों के लिए परीक्षाएं आयोजित की जा चुकी हैं। साथ ही 71024 पदों के लिए विज्ञापन प्रकाशित किए जा चुके हैं तथा 12977 पदों के लिए जल्द विज्ञापन जारी किए जाएंगे। इसने अलावा 53174 पदों के लिए अर्थना भेजने की प्रक्रिया जारी है। इस प्रकार राज्य सरकार द्वारा अब तक कुल 323630 पदों पर नियुक्तियां देने का कार्य किया जा रहा है।
आदिवासियों को जारी करें सामुदायिक पट्टे –
श्री गहलोत ने जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के प्रस्तुतिकरण के बाद कहा कि आदिवासियों को सामुदायिक पट्टे वितरित करने में आ रही बाधा दूर की जाए। प्रक्रिया को सरल कर लंबित आवेदनों की फिर से जांच कराकर उन्हें राहत प्रदान करें। प्रस्तुतिकरण में बताया कि 33 बजट घोषणाओं में से 22 पूर्ण कर ली गई हैं, वहीं 11 प्रगतिरत हैं। पांच जन घोषणाओं में से 4 पूर्ण कर ली गई हैं। विभाग द्वारा 50 सौर ऊर्जा आधारित सामुदायिक जलोत्थान सिंचाई योजनाएं पूर्ण कर ली गई हैं।
प्रदेश में 8 नए एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूलों का संचालन शुरू हो चुका है। अनुसूचित जनजातियों के समावेशी विकास हेतु 100 करोड़ रुपए के विकास कोष का गठन किया है। ट्राइफेड भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020-21 में विभाग को वनधन योजना भविष्य हेतु सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी में प्रथम तथा सर्वाधिक मूल्य वर्धित उत्पादन श्रेणी में राष्ट्रीय स्तर पर तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
2 वर्ष में 6.45 करोड़ औषधीय पौधे वितरित-
वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि कुल 30 बजट घोषणाओं में से 19 पूरी कर ली गई हैं तथा 11 प्रगतिरत हैं। जन घोषणाओं की क्रियान्विति पूर्ण कर ली गई हैं। गत वर्षों में विभाग द्वारा 109817 हेक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण किया गया। घर-घर औषधि योजना के तहत गत 2 वर्षों में 6.45 करोड़ औषधीय पौधों का वितरण किया गया। राज्य में वनों की उत्पादकता बढ़ाने और ईमारती लकड़ी, बांस एवं लघु वन उपज के उत्पादन में वृद्धि हेतु राजस्थान राज्य वन विकास निगम का गठन किया गया। प्रत्येक जिले में एक-एक लव-कुश वाटिका स्थापित की जा रही है। जोधपुर, बीकानेर, कोटा, उदयपुर, भरतपुर एवं अजमेर में बॉटनिकल गार्डन स्थापित किए जा रहे हैं। ई-वेस्ट मैनेजमेंट पॉलिसी तैयार की गई है। जयपुर में ई-वेस्ट री-साइकलिंग पार्क के लिए भूमि आवंटित की जा चुकी है।
सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के हों हरसंभव प्रयास-
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन रक्षक योजना का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करें, ताकि सड़क दुर्घटना में घायलों को अस्पताल पहुंचाकर जान बचाने वालों को प्रोत्साहन मिले। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाए। परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग के प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि 75 बजट घोषणाओं में से 64 पूरी कर ली गई हैं तथा 11 प्रगतिरत हैं। प्रदेश में नवीन ‘इलेक्ट्रीकल व्हीकल नीति’ लागू कर दी गई है। प्रतियोगी परीक्षार्थियों के लिए राजस्थान रोडवेज में निःशुल्क यात्रा का प्रावधान किया गया है। ई-व्हीकल एसजीएसटी का पुनर्भरण/बैठने की क्षमता अनुसार एकमुश्त अनुदान, दिव्यांगों हेतु अडेप्टेड वाहनों के क्रय पर वाहन कर में 100 प्रतिशत छूट का प्रावधान किया गया है। दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम तैयार किया गया है। ग्रामीण परिवहन सेवा का विस्तार करते हुए दूरदराज के गांवों और ढ़ाणियों को बस सेवा से जोड़ा जा रहा है।
प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग के प्रस्तुतिकरण में बताया कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन-181 संपर्क पोर्टल से एकीकृत कर संचालित की जा रही है। संपर्क पोर्टल से 98 प्रतिशत परिवेदनाओं का समयबद्ध निस्तारण किया जा रहा है।
ई-ऑफिस : पत्रावलियों के ई-संधारण की दिशा में एक अभिनव पहल-
मुख्यमंत्री ने संवेदनशील, जवाबदेह एवं पारदर्शी सुशासन की दिशा में अभिनव पहल करते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय में पत्रावलियों के ई-संधारण हेतु ई-ऑफिस पोर्टल का शुभारम्भ किया।
मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि राजस्थान सरकार आई़टी के क्षेत्र में अग्रणी है एवं पत्रावलियों का ई-संधारण उसी दिशा में एक अभिनव पहल है। ई-फाईल प्रणाली से पत्रावलियां सुरक्षित रहती हैं। इससे पत्रावलियों का त्वरित गति से संचालन होगा तथा पत्रावली को किसी भी समय ट्रैक किया जा सकेगा। इससे जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकेगी तथा कार्यालय में पेपर की भी बचत होगी। शासन सचिवालय, जयपुर में ई-फाइल प्रणाली पहले से ही लागू है। वर्तमान में 1 लाख से अधिक पत्रावलियों का संचालन ई-फाइल के माध्यम से किया जा रहा है।
चिंतन शिविर के अंतिम सत्र में मुख्यमंत्री द्वारा अद्यतन सेवा नियमों की 51 पुस्तिकाओं का विमोचन किया गया। उन्होंने कहा कि सेवा नियमों को अद्यतन करने से राजकीय कर्मचारियों की भर्ती प्रकिया एवं पदोन्नति विवाद रहित एवं समय पर हो सकेगी।
21 घंटे चला चिंतन शिविर-
समापन सत्र में मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने बताया कि चिंतन शिविर में 21 घंटे तक 28 विभागों की बजट, जन घोषणाओं, अभियानों और आगामी कार्य योजनाओं पर गहन विचार-विमर्श किया गया। इससे प्रदेशवासियों को बेहतर और समयबद्ध सेवाएं देने के लिए कार्य योजना बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में एक माह बाद फिर से बैठक आयोजित की जाएगी।