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Shahjahan Sheikh: संदेशखाली की महिलाओं ने कहा- घर से उठा लेते थे शाहजहां

पश्चिम बंगाल के संदेशखाली से दो आरोपियों को पुलिस ने पकड़ लिया है, लेकिन तीसरा मुख्य आरोपी शाहजहां शेख अब भी फरार है. पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए सघन छापेमारी कर रही है. इस बीच महिला आयोग की टीम भी संदेशखाली पहुंची.

पश्चिम बंगाल, Shahjahan Sheikh: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट उपमंडल में स्थित संदेशखाली इस समय पूरे देश में सुर्खियों में है। किसानों की जमीन पर कब्जा करने से लेकर महिलाओं पर अत्याचार तक यहां बड़े पैमाने पर लोगों पर अत्याचार किया गया है. इस तरह की वारदातों को अंजाम देने के लिए यहां एक गिरोह सक्रिय था, जिसका सरगना वही शाहजहां शेख है, जिसने ईडी की टीम पर जानलेवा हमला किया था. इस मामले में दो आरोपियों को पुलिस पहले ही पकड़ चुकी है, लेकिन मुख्य आरोपी शाहजहां शेख अब भी फरार है |

ये सब हुए 13 साल हो गए हैं

शाहजहाँ शेख और उसके आदमी अपनी पसंद की किसी भी महिला को पार्टी मीटिंग के बहाने अपने कार्यालय में बुलाते थे। दो दिन, तीन दिन, चार दिन, जब तक आपका मन हो ऑफिस में रुकें। अगर कोई महिला बुलाने पर नहीं आती तो हम उसे घर से उठा लेते थे। मुझे भी 3-4 बार ऑफिस बुलाया गया. पहले तो मैं नहीं गई, लेकिन उन्होंने मेरे पति को उठवा लिया. उसे पीट दिया। मैंने क्या किया होगा?’पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में ऐसी सैकड़ों कहानियां हैं. इन कहानियों में सिर्फ पीड़ित बदलते हैं, सबकी कहानी एक जैसी है. संदेशखाली, जो उत्तर 24 परगना जिले में आता है, ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी नेता शाहजहां शेख का क्षेत्र है।

मुल्जिम 2-

शिबू हजारा, TMC नेता8 दिनों की पुलिस रिमांड

मुल्जिम 3-

उत्तम सरकार, TMC नेता संदेशखाली मामले में गिरफ्तार पहला आरोपी

वेस्ट बंगाल में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस के इन तीन नेताओं के इर्द-गिर्द संदेशखाली का पूरा किस्सा जुड़ा हुआ है. इस सनसनीखेज मामले में पुलिस अब तक 18 लोगों को गिरफ्तार भी कर चुकी है. लेकिन
सवाल यही है कि इस मामले का असली कसूरवार शाहजहां शेख आखिर कहां है. बंगाल की पुलिस उसको तलाश क्यों नहीं कर पा रही, क्या उसको सियासी पनाह मिली हुई है? ऐसे कई सवाल इसलिए
बने हुए हैं, क्योंकिक्यों बंगाल की सियासत में अपराधियों को संरक्षण मिलना कोई नई बात नहीं है. हिंसा यहां के डीएनए में है

इस संदेशखाली के मामले ने पूरे देश में हड़कंप मचा रखा है.

बवाल तेज हुआ तो टीएमसी सरकार पर हमला भी तेज हुआ. बीजेपी ने इसको जैसे मुद्दा बनाया, तो पुलिस को भी हरकत में आना पड़ा. पहले उत्तम सरकार और उसके बाद शिबू हजारा को तो गिरफ्तार कर लिया गया. लेकिन मुख्य आरोपी शाहजहां शेख पकड़ से बाहर ही  बना रहा. हालांकि इस मामले में पुलिस का दावा है कि 6 फरवरी सेपहले उसके पास कोई शिकायत नहीं आई थी. पुलिस की तरफ से 10 महिला अफसरों की एक एसआईटी गठित कर दी गई है.पुलिस तक पहुंची शिकायत के मुताबिक, गरीब और मजबूर लोगों की जमीनों को हड़पने का आरोप है. लेकिन इल्जाम इससे भी संगीन हैं.

संदेशखाली में शेख शाहजहां ने कैसे स्थापित किया अपने आतंक का साम्राज्य? | Jansatta

संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं ने जो आपबीती सुनाई है,

उसेसुनकर किसी का भी दिल दहल सकता है. महिलाओं ने शाहजहां शेख और उसके समर्थकों पर अत्याचार करने, यौन उत्पीड़न करने और जबरन जमीन कब्जाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. एक महिलाने तो यहां तक कहा है कि टीएमसी के लोग गांव में घूमकर घर-घर जाकर चेक करते हैं. सुंदर महिलाओं की तलाश करते हैं.इसके बाद घर में यदि कोई सुंदर महिला या लड़की दिख जाती है तो टीएमसी नेता शाहजहां शेख के लोग उसे अगवा कर ले जाते हैं. उसे पूरी रात अपने साथ पार्टी दफ्तर या किसी अन्य जगह पर रखकर
हवस का शिकार बनाते हैं. अगले दिन उसके घर के सामने लाकर छोड़ जाते हैं. यह मामला जैसे ही सामने आया तो राज्यपाल ने तुरंत संज्ञान लिया और खुद संदेशखाली पहुंच गए. उन्होंनेन्हों नेबताया कि संदेशखाली में जो हुआ है वो होश उड़ा देने वाला है. बहरहाल महिला आयोग की टीम संदेशखाली का दौरा कर रही है

शाहजहां शेख बांग्लादेश की सीमा पर स्थित संदेशखाली में मछली का कारोबार करते हैं

वह चार भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। पहले वह ईंट भट्ठे पर मजदूरी करता था। लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने यूनियन में अपनी जगह बना ली। 2004 में उन्होंने ईंट भट्ठा यूनियन के नेता के रूप में राजनीति में प्रवेश किया। बाद में सीपीआई (एम) इकाई में शामिल हो गए। उनके उग्र भाषणों और संगठनात्मक कौशल के कारण टीएमसी नेतृत्व ने उन पर ध्यान दिया। तब तक वह संदेशखाली का ‘भाई’ बन चुका था.

साल 2012 में टीएमसी के तत्कालीन राष्ट्री य महासचिव मुकुल रॉय और उत्तर 24 परगना टीएमसी जिला अध्यक्ष ज्योतिप्रिय मल्लिक की मौजूदगी में वो टीएमसी में शामिल हो गया. टीएमसी सत्ता में आई
तो पहले से भी ज्यादा शक्तिशाली हो गया. साल 2018 में सरबेरिया अग्रघाटी ग्राम पंचायत के उप प्रमुख के रूप में पहचान मिली. वर्तमान में वो संदेशखाली टीएमसी इकाई का अध्यक्ष है. वो पारिवारिक
और भूमि विवाद सुलझाने के लिए लोकप्रिय है. स्थानीय लोग उसको मसीहा और बाहुबली तक मानते हैं.
बताते चलें कि संदेशखाली वेस्ट बंगाल की राजधानी कोलकाता से करीब 80 किलोमीटर दूर स्थित उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट उपखंड में आता है. यह बांग्लादेश की सीमा से सटा हुआ इलाका है.
यहां अल्पसंख्यक और आदिवासी समाज के लोग सबसे अधिक रहते हैं. पिछले महीने जब तृणमूल कांग्रेस के नेता टीएमसी नेता शाहजहां शेखे के घर पर ईडी की टीम ने रेड की थी तो उसके इशारे पर
लोगों ने ईडी की टीम पर ही हमला कर दिया था. उसके बाद से ही वो और संदेशखाली सुर्खियों में बना हुआ है

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