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Shivraj Singh Chouhan Birthday: नौ साल की उम्र में आंदोलन, 17 साल तक सीएम…20 साल बाद उसी जगह लौट रहे हैं शिवराज सिंह चौहान!

65वें बर्थडे पर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में पौधारोपण किया है। राज्य की राजनीति में लंबी पारी खेलने के बाद एक बार फिर से शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली की राह पर हैं,भाजपा में सबसे अधिक दिनों तक सीएम रहने का रेकॉर्ड है।

भोपाल,Shivraj Singh Chouhan Birthday:  बीजेपी के वरिष्ठ और कद्दावर नेता शिवराज सिंह चौहान आज 65 साल के हो गए हैं. शिवराज सिंह चौहान बीजेपी में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता हैं. इनमें कई ऐसी बातें हैं जो शिवराज को बाकी नेताओं से अलग बनाती हैं. शिवराज को राजनीति विरासत में नहीं मिली है. धीरे-धीरे चलकर ही उन्होंने राजनीति में अपना मुकाम हासिल किया। लंबे समय तक मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज रहे शिवराज की पहचान पैर वाले भाई की भी है. 2023 के विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद भी वहउन्हें सीएम की कुर्सी नहीं मिली। इससे पहले वह 17 सालों तक सत्ता की बागडोर संभालते रहे हैं

शिवराज सिंह चौहान बचपन से ही क्रांतिकारी स्वभाव के व्यक्ति थे

आपातकाल के दौरान वे जेल भी गए, लेकिन शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक स्वरूप बचपन में श्रमिक आंदोलन का नेतृत्व करने के बाद दिखाई दिया। शिवराज सिंह चौहान का जन्म 5 मार्च 1959 को सीहोर जिले के जैत गांव में हुआ था. उनके पिता किसान प्रेम सिंह चौहान थे। बचपन में ही शिवराज सिंह चौहान में नेतृत्व के गुण दिखने लगे थे.

खेत में काम कर रहे मजदूरों को लेकर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान अपने पिता प्रेम सिंह से भिड़ गए थे

मजदूरों की मजदूरी दोगुनी करने की मांग को लेकर शिवराज ने अपने गांव में ही आंदोलन शुरू कर दिया था. ये घटना तब की है जब शिवराज 9 साल के थे. उस समय उनके गांव में मजदूरों की मजदूरी बहुत कम थी। ऐसे में एक दिन उन्होंने गांव के सभी मजदूरों को एकजुट किया.

उनसे कहा कि जब तक उनकी मज़दूरी दोगुनी न हो जाए, वे किसी के लिए काम न करें

कार्यकर्ता भी मान गए, जिसके बाद शिवराज ने कार्यकर्ताओं का जुलूस निकाला और पूरे गांव में नारे लगाते हुए घूमे, जिससे कार्यकर्ताओं का मनोबल और बढ़ गया. गाँव के लोग भी यह देखकर आश्चर्यचकित रह गये कि वह बालक मजदूरों के आन्दोलन का नेतृत्व कर रहा था। उस समय शिवराज ने नारा भी दिया था कि मजदूरों का शोषण बंद करो, ढाई पैसे नहीं पांच पैसे दो।

शिवराज के घर भी नहीं आए मजदूर

इसके बाद शिवराज के घर पर काम करने वाले मजदूर भी नहीं आए, जिससे उनके घर का काम भी बंद हो गया. इसके लिए उन्हें उनके पिता और चाचा ने बहुत डांटा था। जबकि घर का सारा काम उसे ही करना पड़ता था. मजदूरों के लिए तो शिवराज अपने पिता से भी भिड़ गए. उन्होंने मजदूरों को तब तक काम पर नहीं आने दिया जब तक कि उनकी मजदूरी दोगुनी न हो जाये। मजदूरों की मजदूरी बढ़ाने के इस आंदोलन में आखिरकार सीएम शिवराज की जीत हुई. गाँव के सभी मजदूरों की मजदूरी बढ़ गई।

20 साल बाद फिर से मैदान में शिवराज

हाल ही में 20 साल बाद शिवराज सिंह चौहान को फिर से लोकसभा के मैदान में उतारा गया है। शिवराज सिंह चौहान विदिशा से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इसके पहले भी भी विदिशा से पांच बार सांसद रह चुके हैं। इसके बाद साल 2005 के बाद 2018 के कुछ दिनों को छोड़ दिया जाए तो वर्ष वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने जिसका सफर वर्ष 2023 के आखिरी तक जारी रहा। शिवराज सिंह चौहान 2009 में बुधनी से विधायक भी रहे। उसके बाद 2005 के बाद हुए उपचुनाव में भी शिवराज सिंह चौहान सांसद रहने के बाद विधायक चुने गए। लगातार आज भी वह बुधनी से ही विधायक हैं।

पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कई ऐसे काम किए हैं

जिसकी वजह से वह पूरे देश में चर्चा का विषय रहा है। लाडली लक्ष्मी योजना, लाडली बहना योजना हो चाहे प्रतिदिन पौधारोपण करने का संकल्प, शिवराज सिंह चौहान का अंदाज अन्य नेताओं से जुड़ा रहा है। शिवराज सिंह चौहान पिछले 3 वर्षों से अधिक समय से लगातार प्रतिदिन पौधारोपण करते हैं। आज भी उन्होंने अपने जन्मदिन के मौके पर पौधारोपण किया है। इस अभियान की चर्चा विश्व स्तर पर भी हो चुकी है।

लाडली लक्ष्मी योजना को प्रदेश के कई राज्यों में भी मध्य प्रदेश के मॉडल को देखकर लागू किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान भी मध्य प्रदेश की लाडली लक्ष्मी योजना से प्रेरित है।

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