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बिहार के एक मजबूर मजदूर का बेटा बना सूरीनाम का राष्ट्रपति

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

इंदौर : मध्य प्रदेश के इंदौर में चल रहे 17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन में सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। समारोह को संबोधित करने के अलावा वह पीएम मोदी से भी मुलाकात करेंगे। चंद्रिका प्रसाद पिछले साल सूरीनाम के राष्ट्रपति चुने गए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में भी कहा कि एक भारतीय को विदेश में रहकर भारत का नाम रोशन करना चाहिए।

पिछले साल उन्होंने प्रवासी दिवस पर कार्यक्रम को संबोधित किया था। उन्होंने भारतीयों का ‘हल बा’ कहकर अपने भाषण की शुरुआत की, जिसने भारतीयों का दिल जीत लिया।

3 फरवरी 1959 को सूरीनाम के लेलीडॉर्प में जन्में चंद्रिका प्रसाद संतोखी बिहार के एक मजबूर मजदूर के बेटे है। उनके पिता बिहार से एक मजदूर के रूप में यहां आए और बंदरगाह पर काम करने लगे। मां एक दुकान पर काम करती थी। उनके नौ भाई-बहन हैं। 1978 में, संतोखी को नीदरलैंड के एपेलडॉर्न में नीदरलैंड पोलिटिया अकादमी में अध्ययन करने के लिए छात्रवृत्ति मिली। 1982 में एप्लाइड रिसर्च में स्नातक। नीदरलैंड में पुलिस अकादमी में चार साल तक प्रशिक्षण लिया। 1982 में सूरीनाम लौटे और पुलिस विभाग में काम करना शुरू किया।

1989 में उन्हें राष्ट्रीय अपराध जांच विभाग का निदेशक बनाया गया और दो साल बाद 1991 में वे मुख्य पुलिस आयुक्त बने। 2005 में, उन्होंने न्याय और पुलिस मंत्री के रूप में कार्य किया और 2011 में, उन्होंने प्रगतिशील सुधार पार्टी के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला। उन्होंने 19 जुलाई 2020 को शादी की।

पिछले साल जुलाई में नेशनल असेंबली ने पूर्व न्याय मंत्री और प्रोग्रेसिव रिफॉर्म पार्टी (पीआरपी) के नेता संतोषी को निर्विरोध स्पीकर चुना। चंद्रिका प्रसाद संतोखी को लैटिन अमेरिकी देश सूरीनाम का राष्ट्रपति चुने जाने के बाद संस्कृत में उनकी शपथ दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गई।

सूरीनाम की 27.4 फीसदी आबादी भारतीय मूल की है, जिसकी आबादी करीब 6 लाख है। यह वहां का सबसे बड़ा समूह है। राष्ट्रपति संतोषी की पार्टी भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है और कभी यूनाइटेड हिंदुस्तानी पार्टी के रूप में जानी जाती थी।

देश की अर्थव्यवस्था को संभाल रही 61 वर्षीय संतोखी के सामने देश को आर्थिक संकट से बाहर निकालने की चुनौती है . उन्होंने कार्यभार संभालने के बाद नेशनल असेंबली में इस मुद्दे को उठाया और कहा, सूरीनाम ने आर्थिक मंदी का सामना किया है और अब उनकी सरकार देश को पटरी पर लाने के लिए नई नीतियां बनाएगी।

सूरीनाम की अर्थव्यवस्था बॉक्साइट और तेल भंडार पर निर्भर है, लेकिन देश पिछले कुछ समय से आर्थिक संकट से जूझ रहा है। संतोषी के सामने यह सबसे बड़ी चुनौती है।

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