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शादी या धर्मांतरण पर कोई संवैधानिक रोक नहीं है और सभी धर्मांतरण को अवैध नहीं कहा जा सकता
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि शादी या धर्मांतरण पर कोई संवैधानिक रोक नहीं है और सभी धर्मांतरण को अवैध नहीं कहा जा सकता है। न्यायाधीश एम. आर. शाह और निया सी टी रविकुमार की बेंच ने कहा-हम कह सकते हैं कि केवल जिला कलेक्टर को इसके बारे में सूचित किया जाना चाहिए।
इस मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर अगली सुनवाई सात फरवरी को होगी । सुप्रीम कोर्ट ने नए कानून पर हाईकोर्ट के फैसले पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है ।
फिलहाल बिना 60 दिनों की पूर्व सूचना के दूसरे धर्म में धर्मांतरण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी। हर जगह इसकी चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि संविधान के मुताबिक शादी या धर्मांतरण पर कोई रोक नहीं है ।