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बस्तर के खरीदी केंद्रों पर जाम हुआ हजारों क्विंटल धान, उठाव नहीं होने से बंद हो सकती है खरीद

चुनाव के बाद खरीदी केंद्र पर धान बेचने वाले किसानों का पहुंचना शुरू हो गया. हालांकि कई खरीदी केंद्रों के प्रभारी ने जल्द धान खरीदी बंद करने की चेतावनी दी है, जानें वजह?

बस्तर : छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में इन दिनों धान में मिंजाई काम जोरों से चल रहा है. पिछले दिनों बेमौसम बारिश से हुए नुकसान के डर से किसान धान की फसल को लेकर काफी चिंतित नजर आए. हालांकि बीते सप्ताह से बड़ी संख्या में किसान खरीदी केंद्रों में अपना धान बेचने पहुंच रहे हैं, लेकिन इन खरीदी केन्द्रों में समय पर धान का उठाव नहीं होने के कारण संभाग के 60 से अधिक खरीदी केंद्रों में धान बफर लिमिट से ज्यादा हो गया है. इसकी वजह से कुछ केंद्रों में धान खरीदी बंद होने के कगार पर है, इसके चलते एक तरफ जहां किसान परेशान हैं तो वहीं खरीदी केंद्र के प्रभारी भी चिंतित हैं.

खरीदी केंद्र के प्रभारी का कहना है कि कई बार प्रशासन के बड़े अधिकारियों को पत्र लिखने के बावजूद भी मिलर्स के द्वारा इन खरीदी केन्द्रों से धान का उठाव नहीं किया जा रहा है. अगर फिर से मौसम बदलता है और बारिश होती है, तो खरीदी केंद्रों में रखा धान भीगने का डर है. उन्होंने बताया कि लगातार धान बेचने आ रहे किसानों को उठाव नहीं होने से रोकना पड़ सकता है, जिससे खरीदी प्रभावित हो सकती है.

3 से 4 सौ किसान बेचने पहुंच रहे हैं धान 

पूरे छत्तीसगढ़ में 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू हो चुकी है और 31 जनवरी तक सभी किसानों से धान खरीदा जाना है. बदलते मौसम की वजह से पिछले कुछ दिनों से खरीदी केंद्र किसानों के अभाव में सूने पड़े थे, लेकिन पिछले सप्ताह भर से लगातार धान खरीदी ने जोर पकड़ा है. एक दिन में एक खरीदी केंद्र पर लगभग 300 से 400 किसान धान बेचने पहुंच रहे हैं. हालांकि खरीदी केंद्रों पर रखे धान का उठान समय से नहीं हो रहा है, जिसके कारण संभाग के 60 से अधिक खरीदी केंद्रों पर बफर लिमिट धान से पूरी तरह भर चुके हैं. केंद्रों पर जगह नहीं होने से किसानों के जरिये लाए जा रहे धान को रखने की जगह नहीं है.

‘आने वाले दिनों खरीदी हो सकती है प्रभावित’

केंद्र के प्रभारी का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से जबरदस्त धान की आवक हो रही है, लेकिन बफर लिमिट धान खरीदी केन्द्रों में रखने की जगह नहीं बन पा रही है. हालात ऐसे हो गए हैं कि किसानों को रोकना पड़ रहा है और अगर ऐसे ही हालात बने रहे तो आने वाले दिनों में धान खरीदी भी प्रभावित हो सकती है. दरअसल समय पर धान का उठाव नहीं होने से किसान के साथ-साथ केंद्र प्रभारी भी नाराज हैं. प्रभारियो ने प्रशासन से लिखित में मांग की है कि समय पर धान का उठाव मिलर्स के द्वारा किया जाए. इधर मौसम के बदलते मिजाज को लेकर भी केंद्र प्रभारी चिंतित हैं.

‘बारिश से धान के भीगने का डर’

रखरखाव को लेकर प्रभारी का कहना है कि बारिश होने पर बफर लिमिट वाले केंद्रों में धान के रखरखाव की व्यवस्था नहीं है. जिसके चलते धान भीगने का भी डर बना हुआ है. समय पर मिलर्स धान का उठाव करते हैं, तो इससे बचा जा सकता है. इधर बस्तर जिले में ही अब तक 5 हजार 730 किसानों ने 30 हजार 144 टन धान बेच चुके हैं. जिसमें अब तक मिलर्स ने केवल 1854 टन धान का उठाव किया है, हर दिन धान बेचने वाले किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है. मिली जानकारी के मुताबिक, पूरे बस्तर संभाग में 80 हजार टन से ज्यादा धान खरीदी केंद्रों में उठाव के अभाव में जाम पड़ा हुआ है.

जिलाधिकारी ने क्या कहा?

खरीदी केंद्रों में जगह नहीं होने को लेकर जब जिला प्रशासन से पूछा गया तो जिलाधिकारी ने बताया कि सभी मिलर्स को जल्द से जल्द धान उठाव के निर्देश दिए गए हैं. आने वाले दिनों में खासकर बफर लिमिट केंद्रों से मिलर्स के द्वारा धान उठा लिया जाएगा. पूरी कोशिश है कि खरीदी केंद्रों में किसी तरह भी धान खरीदी प्रभावित न हो और धान खरीदी बंद होने की नौबत ना आए. इसका खास ध्यान रखते हुए सभी मिलर्स को निर्देश जारी किया जाएगा.

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