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Vivah Muhurat 2024: 5 जुलाई के बाद विवाह के मुर्हूत, बजेगी शहनाई..

Vivah Muhurat 2024: उनके आशीर्वाद और अनुकूल उदीयमान स्थिति के बिना विवाह मांगलिक कार्य की सफलता में कठिनाइयां आने की प्रबल संभावना है...

धर्म कर्म, Vivah Muhurat 2024: ज्योतिषीय गणना एवं परंपरा के अनुसार गुरु एवं शुक्र की उपस्थिति में ही शुभ विवाह, गृह प्रवेश, देव प्रतिष्ठा, मंडन, उद्यापन आदि करना शुभ माना जाता है। बृहस्पति और शुक्र दोनों तारे (घर) ज्ञान और कर्म के मुख्य कारक हैं। जब भी कोई ग्रह सूर्य के निकट एक निश्चित दूरी पर आ जाता है तो सूर्य के प्रभाव से वह ग्रह शक्तिहीन हो जाता है। इस अवस्था को ग्रह का अस्त होना माना जाता है।

(Vivah Muhurat 2024)शुक्र चूंकि सुखी वैवाहिक जीवन,

विलासिता, विवाह, धन एश्वर्य आदि का कारक माना गया है, ऐसे में शुक्र के अस्त होने पर मांगलिक कार्य में बिल्कुल भी सफलता नहीं मिलती है। यह जानकारी देते हुए पंडित अजय जोशी ने बताया कि 31 मई को गुरु तारा उदय हो गया है, किंत़ु शुक्र अभी अस्त है जो पांच जुलाई को उदय होगा।

अत: इनके आशीर्वाद व उदय स्थिति अनुकूलता बिना विवाह मांगलिक कार्य की सफलता में कठिनाइयां होने की प्रबल संभावना रहती है। अति आवश्यकता में सामान्य शुभ कार्य सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि योग एवं भगवान के जन्मोत्सव आदि पर किए जा सकते हैं। जैसे महेश नवमी 15 जून 2024, गंगा दशहरा 16 जून 2024 प्रमाणिक मान्य हैं।

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