छत्तीसगढ़

अंचल के साहित्यकारों ने मनाया राजाराम त्रिपाठी का जन्मदिन

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

कोंडागांव : स्वामी विवेकानंद की जयंती के सुअवसर पर माँ दन्तेश्वरी हर्बल इस्टेट कोंडागांव में छः ग हिंदी साहित्य परिषद जिला इकाई कोंडागांव जनजातीय चेतना कला संस्कृति और साहित्य की राष्ट्रीय पत्रिका ‘ककसाड’ और ‘सम्पदा’ समाज सेवी संस्थान कोंडागांव के संयुक्त तत्वावधान में “देश के नवनिर्माण में युवाओं की भूमिका” विषय पर परिचर्चा व काव्य-पाठ का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनजातीय चेतना कला संस्कृति और साहित्य की राष्ट्रीय पत्रिका ककसाड़ के सम्पादक डॉक्टर राजाराम त्रिपाठी थे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता छ ग हिंदी साहित्य परिषद कोंडागांव के जिलाध्यक्ष हरेन्द्र यादव ने की।

विशेष आमन्त्रित अतिथि के रूप में परिषद के उपाध्यक्ष व वरिष्ठ साहित्यकार यशवंत गौतम राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक व राष्ट्रीय सेवा योजना के पूर्व जिला संघटक आर के जैन तथा सम्पदा स्वयम सेवी संस्था कोंडागांव की सचिव शिप्रा त्रिपाठी कार्यक्रम में मौजूद रहे। कार्यक्रम का शानदार संचालन शायर सैयद तौसीफ आलम ने अपने निराले अंदाज में किया। सर्वप्रथम आमन्त्रित अतिथियों द्वारा स्वामी विवेकानंद के छायाचित्र पर दीप प्रज्वलन व माल्यार्पण कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की गई।
उल्लेखनीय है कि 12 जनवरी को ही हिंदी साहित्य परिषद के संरक्षक डॉ. राजाराम त्रिपाठी का भी जन्मदिन पड़ता है, अतः कार्यक्रम के पहले भाग की शुरुआत में अंचल के साहित्यकारों के द्वारा केक काटकर उनका जन्मदिन मनाया गया सभी साहित्यकारों व परिजनों ने उन्हें जन्मदिन की बधाई दी। ततपश्चात परिचर्चा की शुरुआत छ.ग. हिंदी साहित्य परिषद कोंडागांव के कोषाध्यक्ष बृजेश तिवारी ने किया उन्होंने स्वामी विवेकानंद जी के जीवन से जुड़ी रोचक घटनाओं को सबके सामने रखा। वरिष्ठ साहित्यकार यशवंत गौतम ने देश के निर्माण में युवाओं की महती भूमिका पर अपने विचार रखे। राष्ट्रीय सेवा योजना के पूर्व जिला संघटक आर के जैन ने स्वामी विवेकानंद के जीवन से प्रेरणा लेने वाले संस्मरण सुनाए।

मुख्य अतिथि की आसंदी से डॉक्टर राजा राम त्रिपाठी ने कहा कि जब उन्होंने बैंक की अच्छी खासी नौकरी छोड़कर जैविक तथा हर्बल खेती को अपनाया तो मार्ग में अनेकोंनेक बाधाएं आईं। जीवन के उस कठिन दौर में स्वामी विवेकानंद जी के एक‌ सूत्र वाक्य ने मुझे सदैव शक्ति प्रदान की, जिसमे उन्होंने कहा था कि – “यदि आपके रास्ते मे कठिनाईया नही हैं, तो हो सकता है आपका रास्ता गलत हो” ।डॉक्टर त्रिपाठी ने देश के नवनिर्माण में युवाओं की भूमिका विषय पर अपने विचार रखते हुए आगे कहा कि भारत वो देश है जहाँ सबसे ज्यादा युवा रहते हैं।यह युवाशक्ति बड़े से बड़ा बदलाव करने में सक्षम हैं । भारत की युवा शक्ति को अपना दायित्व समझना होगा तभी देश में नव निर्माण संभव है। कार्यक्रम के द्वितीय भाग में अंचल के वरिष्ठ कवियों काव्य पाठ हुआ जिसकी शो सुमधुर शुरुआत स्वर कोकिला शिप्रा त्रिपाठी ने भाव गीत सुनाकर की। वरिष्ठ साहित्यकार हरेन्द्र यादव ने अपने चिर परिचित अंदाज़ में हास्य व्यंग से भरपूर कविताएं सुनाकर सबको गुदगुदाया।

वरिष्ठ कवि यशवंत गौतम ने अपनी भाव पूर्ण छोटी छोटी कविताओं से समा बांधा।

युवा शायर व उर्दू के सशक्त हस्ताक्षर उमंग दुबे ने अपनी कविताओं व शायरी से सबको प्रभावित किया। छ.ग. हिंदी साहित्य परिषद कोंडागांव के सचिव हास्य व्यंग्यकार उमेश मंडावी ने आज के नेताओं पर करारा व्यंग्य करते हुए सोने की चिड़िया नामक कविता सुनाकर तालियां बटोरी। उल्लेखनीय है कि श्रोताओं की विशेष अनुरोध पर उमेश मंडावी जी को एक बार पूरा मंच पर आना पड़ा ,और अपनी नवीन पैनी व्यंग रचनाओं से उन्होंने श्रोताओं की तालियां दोबारा बटोरी। समाज सेविका कवियित्री ज्योति जैन ने भी अपनी प्रस्तुति से सबको प्रभावित किया । कार्यक्रम के अंत मे उर्दू शायर सैयद तौसीफ आलम ने अपने शेरो से समा बांधा जहाँ एक ओर उन्हीने हिंदी भाषा मे मीरा के प्रेम पर प्रस्तुति दी वही दूसरी तरफ उर्दू शायरी और नज़्म पढ़कर श्रोताओ की तारीफे बटोरीं। आभार प्रदर्शन कार्यक्रम के संयोजक तथा छत्तीसगढ़ हिंदी परिषद के सचिव उमेश मंडावी ने किया।

इस अवसर पर आचार्य गंगाशरण शुक्ल, जिला ग्रंथालय की अधीक्षिका लालिमा सोनी, मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के अनुराग कुमार, ‘न्यूज़ रिपब्लिक-24 चैनल’ के जर्नलिस्ट विवेक कुमार, एड्वोकेट अपूर्वा त्रिपाठी, गीता शुक्ल, अनीता, सुनीता पांडे, विनीता दुबे, विजय पांडे , के के पटेरिया, रमेश पंडा, विष्णु दास कुलदीप, शंकर नाग, कृष्णा नेताम तथा बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमी उपस्थित थे।

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