उत्तर प्रदेश के लिए उन्नति के अवसरों के साथ आरंभ हो चुका है साल 2023
- यूपी में इस साल दो महा आयोजन खोलेंगे संभावनाओं और अवसरों के द्वार
- यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य की ओर बढ़ेंगे कदम
- जी-20 के सम्मेलनों से वैश्विक फलक पर मिलेगी यूपी के शहरों को अन्तरराष्ट्रीय पहचान
- उत्तर प्रदेश के सांस्कृतिक विशिष्टता से परिचित होंगे दुनिया के दिग्गज राष्ट्र
- योगी सरकार के लिए दोनों ही आयोजन महा अवसर से कम नहीं
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के लिए साल 2023 उन्नति के अवसरों के साथ आरंभ हो चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश के विकास की जो यात्रा शुरू हुई है, 2023 में उसमें कई और नई व महत्वपूर्ण कड़ियां जुड़ेंगी। इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में इस साल कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। वहीं जिन दो महा आयोजनों पर सभी की निगाहें टिकी हैं उनमें यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और जी-20 सम्मेलन की चर्चा हर तरफ हो रही है। ये दो बड़े आयोजन इस साल उत्तर प्रदेश की छवि और इसकी आर्थिक रफ्तार को नई दिशा तो देंगे ही साथ ही वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे।
यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट खोलेगा आर्थिक उन्नति का द्वार
योगी सरकार उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को देश का ग्रोथ इंजन बनाने के लिए संकल्पित है। आगामी 10 से 12 फरवरी तक राजधानी लखनऊ में आयोजित होने वाला यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए काफी अहम साबित होने जा रहा है। पहली बार उत्तर प्रदेश में आयोजित होने जा रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से योगी सरकार को उम्मीदें भी काफी बड़ी हैं। हाल ही में टीम योगी ने दुनिया के 16 बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों में रोड शो के जरिए निवेशकों को प्रदेश में इन्वेस्ट करने के लिए आमंत्रित किया है। सभी जगह से मिले उत्साह बढ़ाने वाले रुझानों ने प्रदेश सरकार के आत्मविश्वास को बढ़ा दिया है। बीते साढ़े पांच साल से बेहतर रोड कनेक्टिविटी, निर्बाध विद्युत आपूर्ति, इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और सुदृढ़ कानून व्यवस्था पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विशेष फोकस का नतीजा है कि आज यूपी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में निवेशकों के टॉप प्रॉयर्टी पर आ गया है। इस साल 17 लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश के लक्ष्य के लिए प्रयासरत टीम योगी को निवेशकों की ओर से मिले शुरुआती प्रस्ताव ने सरकार की उम्मीदों को पंख लगा दिये हैं। सरकार को विश्वास है कि प्रदेश में भारी निवेश के साथ समृद्धि तो बढ़ेगी ही, साथ ही अलग अलग सेक्टर में रोजगार के लाखों नये अवसर से प्रदेश के प्रतिभावान युवाओं के पलायन पर भी अंकुश लगेगा।
जी-20 सम्मेलन से वैश्विक फलक पर मिलेगी यूपी को पहचान
एक ओर यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देगा, तो वहीं जी-20 सम्मेलन के लगभग एक दर्जन कार्यक्रमों की मेजबानी यूपी को वैश्विक फलक पर नई पहचान देगा। प्रदेश के लिए जी-20 वैश्विक स्तर पर अवसरों के नये द्वार खोलेगा। साथ ही साथ राज्य की अनूठी कला, संस्कृति, धर्म और पर्यटन स्थलों को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए भी जी-20 सम्मेलन काफी सहायक साबित होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में उच्चस्तरीय बैठक के जरिए जी-20 सम्मेलन को लेकर कई दिशा-निर्देश दिये हैं। ग्रेटर नोएडा, आगरा, लखनऊ और वाराणसी में आयोजित होने वाले कुल 11 कार्यक्रमों के जरिए उत्तर प्रदेश के पश्चिम से लेकर पूर्वी छोर तक की संस्कृतियों, लोक जीवन, खानपान, धर्म और कला के प्रदर्शन का ऐसा मौका शायद ही इससे पहले कभी यूपी को मिला हो। दुनिया के 20 दिग्गज राष्ट्रों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में उत्तर प्रदेश की छवि निर्माण के लिए जी-20 सम्मेलन किसी सुनहरे अवसर से कम नहीं है। 2027 तक यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए जी-20 सम्मेलन की सफल मेजबानी काफी मायने रखती है। प्रदेश के विकास और भविष्य के उत्तम प्रदेश की नींव जी-20 और यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से ही पड़ेगी। 2023 इन दोनों महा आयोजनों के साथ यूपी के लिए समृद्धि के द्वार भी खोलेगा।