AAP to Vacate Office: आम आदमी पार्टी को सुप्रीम कोर्ट से एक और बड़ा झटका, कोर्ट ने 10 अगस्त तक दफ्तर खाली करने का आदेश दिया
AAP to Vacate Office: सुप्रीम कोर्ट ने आप को दिल्ली उच्च न्यायालय को आवंटित भूमि पर अतिक्रमण कर बने ऑफिस को 10 अगस्त तक खाली करने का...
दिल्ली, AAP to Vacate Office: आम आदमी पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक तरफ आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल उत्पाद नीति मामले में जेल में हैं तो दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में सत्तारूढ़ दल को दिल्ली उच्च न्यायालय को आवंटित भूमि पर अतिक्रमण करके बनाए गए अपने कार्यालय को 10 अगस्त तक खाली करने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली एक अवकाश पीठने आप की उस अर्जी को स्वीकार कर लिया जिसमें शीर्ष अदालत द्वारा 4 मार्च को निर्धारित 15 जून की समयसीमा को आगे बढ़ाने की मांग की गई थी। पीठ में न्यायमूर्ति संदीप मेहता भी शामिल थे।
सुप्रीम कोर्ट ने आप को दिया आदेश
अदालत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली राजनीतिक पार्टी को आदेश दिया कि वह एक सप्ताह के भीतर सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के समक्ष एक अंडरटेकिंग दाखिल करे कि वह इस साल 10 अगस्त को या उससे पहले विचाराधीन परिसर को खाली कर कब्जा सौंप देगी। उल्लेखनीय है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने इससे पहले राउज एवेन्यू में भूखंड के एक हिस्से पर अतिक्रमण करने के लिए आप को कड़ी फटकार लगाई थी। यह जमीन जिला न्यायपालिका की बुनियादी ढांचा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उच्च न्यायालय को आवंटित की गई है।
आप ने दिया था ये तर्क
सीजेआई की अगुवाई वाली पीठ ने आम चुनावों के मद्देनजर परिसर खाली करने के लिए 15 जून की समयसीमा तय की थी और आप को वैकल्पिक कार्यालय स्थान प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार के भूमि एवं विकास कार्यालय (एलएंडडीओ) से संपर्क करने को कहा था। पिछले सप्ताह दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र को निर्देश दिया था कि वह छह सप्ताह के भीतर आप के अस्थायी कार्यालय पर निर्णय ले। आप ने तर्क दिया था कि एक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टी के रूप में उसे तब तक अस्थायी कार्यालय अस्थायी कार्यालय स्थान प्राप्त करने का अधिकार है, जब तक कि उनके कार्यालय के निर्माण के लिए स्थायी भूमि आवंटित नहीं हो जाती।