हेमंत स्मृति कविता सम्मान : कवि का अंत कभी नहीं होता वह अपने अवदान से सदैव याद किया जाता है – गिरीश पंकज
अर्चना पंड्या
भोपाल: विश्व मैत्री मंच संबद्ध’ हेमंत फाउंडेशन’ के संयुक्त तत्वावधान में हेमंत स्मृति कविता सम्मान समारोह का आयोजन राजीव गांधी सभागार भोपाल में 15 जनवरी 2023 को आयोजित हुआ।
“हेमंत जैसे कवि का अंत कभी नहीं होता।कवि अपनी ऊर्जा और अवदान से हमेशा याद आता है।” यह उद्गार पुरस्कार समारोह के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार गिरीश पंकज (रायपुर) ने व्यक्त किया।
समारोह के अलंकरण सत्र का उद्घाटन साहित्यकार गिरीश पंकज एवं अन्य माननीय साहित्यकारों द्वारा एवं सरस्वती वंदना डॉक्टर क्षमा पांडे ने प्रस्तुत की।
संस्था की संस्थापक/ अध्यक्ष चर्चित लेखिका संतोष श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत करते हुए अपने वक्तव्य में कहा-सुभाष पाठक ज़िया की खासियत है उनके कहन का अंदाज़, खूबसूरत शब्दों का चयन, शेरों की बुनावट तथा रदीफ़ों का टटकापन। इन्हीं खासियतों की वजह से शायरी की दुनिया में वे अपनी अलग पहचान रखते हैं ।शायरी में उनका उभार उन्हें दूर तलक पहुंचाएगा।
आयोजन की प्रस्तावना तथा संस्थाओं का परिचय वरिष्ठ लेखिका ,संस्था की संस्थापक/ सचिव प्रमिला वर्मा ने दिया। उन्होंने सुभाष पाठक जि़या को बधाई देते हुए कहा कि हेमंत फाउंडेशन उन्हें 21 वां हेमंत स्मृति सम्मान प्रदान करते हुए हर्ष का अनुभव कर रहा है। सुभाष पाठक ज़िया ने अपनी गजलों को अत्यंत गंभीरतापूर्वक लेकर जिंदगी के अनुभवों से उन्हें समृद्ध किया है
इन्हीं अर्थों में ‘तुम्हीं से ज़िया है’ एक मूल्यवान गज़ल संग्रह है।
‘हेमंत स्मृति कविता सम्मान’ सुभाष पाठक ज़िया को गिरीश पंकज जी के कर कमलों द्वारा प्रदान किया गया। उन्हें स्मृति चिन्ह, शॉल ,श्रीफल, पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया।
अपने गजल संग्रह ‘तुम्हीं से जि़या है’ पर बोलते हुए सुभाष पाठक ज़िया ने संग्रह की कुछ गज़लों को सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर लिया।
हेमंत की कविताओं पर समारोह के विशिष्ट अतिथि (कथाकार – पत्रकार) मुंबई से पधारे हरीश पाठक ने हेमंत के बचपन को याद करते हुए उनकी कविताओं को सुनाया।
हेमंत की कविताओं पर विशेष रूप से बोलते हुए डॉ राजेश श्रीवास्तव ( कवि, निदेशक अंतर्राष्ट्रीय रामायण केंद्र भोपाल) ने कहा- “20 वर्ष के बालक ने कविताओं का इतनी गंभीरता से सृजन किया है, अद्भुत है। जितना डूबने की कोशिश करता हूं उतना ही उन कविताओं को समझने की कोशिश करता हूं। हेमंत हर कला में पारंगत थे। लेकिन कविताओं में उनका अद्भुत सृजन आश्चर्य में डालता है। ”
मुख्य अतिथि डॉ नुसरत मेहंदी ( शायरा, निदेशक मध्य प्रदेश उर्दू साहित्य अकादमी) ने अपने वक्तव्य में कहा – “साहित्यिक संस्थाओं को भाषा के क्षेत्र में शोध केंद्र की तरह काम करना चाहिए। यह कार्य हेमंत फाउंडेशन संलग्न विश्व मैत्री मंच लगातार कार्यरत है।”
अलंकरण समारोह सत्र में विश्व मैत्री मंच के विधा पुरस्कार भी प्रदान किए गए।
दिव्तीय सत्र में कहानी पाठ की अध्यक्षता श्री शशांक कथाकार (अपर महानिदेशक दूरदर्शन) एवं मुख्य अतिथि डॉ सुधीर शर्मा ( संपादक, पत्रकार रायपुर) ने अपने कहानी के संबंध में विचार व्यक्त किए।
विशिष्ट अतिथि डॉ संजीव कुमार (कवि, प्रकाशक इंडिया नेट बुक्स दिल्ली) एंव मुकेश वर्मा ( कथाकार, संपादक भोपाल) ने कहानी पर अपने विचार व्यक्त किए। कहानी पाठ श्री हरीश पाठक, श्रीमती नीलिमा शर्मा , एवं श्री हरी भटनागर ने किया।
तृतीय सत्र लघुकथा पाठ में विभिन्न शहरों से आए 29 लघुकथाकारों ने अपनी लघुकथाएं सुनाईं। इस सत्र की मुख्य अतिथि डॉ दुर्गा सिन्हा (लघुकथाकार अमेरिका) एवं विशिष्ट अतिथि श्री हीरालाल नागर (दिल्ली) एवं श्री घनश्याम मैथिल अमृत ( भोपाल) ने इस संबंध में अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम का अभूतपूर्व संचालन रायपुर से आईं लेखिका रुपेंद्र राज तिवारी, प्रयागराज से पधारीं श्रीमती सरस दरबारी एवं भोपाल से कवि एवं लेखिका द्व्य श्रीमती जया केतकी (उप संपादक अक्षरा) एवं डॉ विनीता राहुरीकर ने किया।
आभार श्री मुज़फ्फर सिद्दीकी (लघुकथाकार भोपाल) ने दिया।
इस अवसर पर विभिन्न शहरों से आए लेखक पत्रकार आदि उपस्थित थे। जिनमें गीता द्विवेदी कानपुर, जया आनंद मुंबई, पदमा मोटवानी कच्छ, शुभ्रा श्रीवास्तव दिल्ली, अर्चना पंड्या दिल्ली, पुष्पा सिन्हा, सविता शर्मा दिल्ली, निहाल चंद शिवहरे, साकेत सुमन चतुर्वेदी, अजय कुमार दुबे झांसी, अर्चना अनुपम रायपुर, अलका प्रमोद लखनऊ। संध्या निगम झांसी, नीलिमा मिश्रा रायपुर, मंजुला श्रीवास्तव रायपुर, बृज श्रीवास्तव विदिशा, मंजुला श्रीवास्तव रायपुर महिमा वर्मा श्रीवास्तव भोपाल, मनोरमा पंत, दिल्ली नेटवर्क से मनोरमा जी, प्रमोद कुमार गोविल जयपुर, एवं भोपाल से आए अनेक गणमान्य व्यक्ति, साहित्यकार उपस्थित थे।