इंदौर में तैयार हुए दो और नए बिजली ग्रीड:गुमास्ता नगर और पंचकुइयां क्षेत्र में मिलेगी बेहतर बिजली सुविधा; वित्तीय वर्ष में 33,500 प्रकरण
इंदौर में तैयार हुए दो और नए बिजली ग्रीड:गुमास्ता नगर और पंचकुइयां क्षेत्र में मिलेगी बेहतर बिजली सुविधा; वित्तीय वर्ष में 33,500 प्रकरण
रिवेम्प्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत इंदौर शहर में चार स्थानों पर 33/11 केवी के ग्रिड बन चुके हैं और दो और ग्रिड धार रोड ग्रीन पार्क और पंचकुइयां के पास सुलकाखेड़ी में तैयार हो रहे हैं। इन दोनों निर्माणाधीन ग्रिडों का निरीक्षण मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, इंदौर की प्रबंध निदेशक (एमडी) रजनी सिंह ने किया। इस दौरान रजनी सिंह ने कहा कि, इन ग्रिडों का समय पर निर्माण पूरा किया जाए और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। इन नए ग्रिडों से गुमास्ता नगर, सिरपुर, धार रोड, चंदन नगर, नगीन नगर, कालानी नगर, पंचकुइयां क्षेत्र, जय भवानी नगर जैसे हजारों उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति की सुविधा मिलेगी। 5-5 एमवीए क्षमता के इन ग्रिडों की लागत ढाई- ढाई करोड़ रुपए है। निरीक्षण के दौरान रजनी सिंह ने अधिकारियों और ग्रिड निर्माण करने वाली एजेंसी के पदाधिकारियों से चर्चा की और कार्य को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। बता दें कि, इंदौर महानगर में पिछले साल तक 33/11 केवी के कुल 128 ग्रिड थे। आरडीएसएस के तहत चार नए ग्रिड क्रमशः बिलावली, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के पास, देवास नाका और रसोमा क्षेत्र में बनाए गए, जिनसे अभी बिजली आपूर्ति की जा रही है। अब दो अन्य ग्रिड ग्रीन पार्क और पंचकुईयां के पास सुलकाखेड़ी में तैयार हो रहे हैं। वित्तीय वर्ष में अब तक बिजली कंपनी ने बनाए 33,500 प्रकरण मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल से दिसंबर तक 1.36 लाख कनेक्शनों की जांच की है। इस जांच के दौरान अनियमितताओं, नियम विरुद्ध विद्युत उपयोग और बिजली चोरी से संबंधित कुल 33,500 प्रकरण बनाए गए हैं। प्रबंध निदेशक रजनी सिंह ने बताया कि, वित्तीय वर्ष के इन नौ महीनों में इंदौर सहित सभी 15 जिलों में फील्ड टीमों और विजिलेंस टीमों ने व्यापक जांच अभियान चलाया। सबसे अधिक जांच इंदौर और धार जिलों में की गई, जहां 18,000 स्थानों पर निरीक्षण हुआ। खंडवा में 15,000, रतलाम में 12,000, खरगोन में 11,000 और उज्जैन में 9,500 स्थानों पर जांच की गई। अन्य जिलों में 4,000 से 8,000 कनेक्शनों की जांच की गई। अब तक किए गए 33,500 प्रकरणों में कुल 82 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित की गई है।
रिवेम्प्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत इंदौर शहर में चार स्थानों पर 33/11 केवी के ग्रिड बन चुके हैं और दो और ग्रिड धार रोड ग्रीन पार्क और पंचकुइयां के पास सुलकाखेड़ी में तैयार हो रहे हैं। इन दोनों निर्माणाधीन ग्रिडों का निरीक्षण मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, इंदौर की प्रबंध निदेशक (एमडी) रजनी सिंह ने किया। इस दौरान रजनी सिंह ने कहा कि, इन ग्रिडों का समय पर निर्माण पूरा किया जाए और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। इन नए ग्रिडों से गुमास्ता नगर, सिरपुर, धार रोड, चंदन नगर, नगीन नगर, कालानी नगर, पंचकुइयां क्षेत्र, जय भवानी नगर जैसे हजारों उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति की सुविधा मिलेगी। 5-5 एमवीए क्षमता के इन ग्रिडों की लागत ढाई- ढाई करोड़ रुपए है। निरीक्षण के दौरान रजनी सिंह ने अधिकारियों और ग्रिड निर्माण करने वाली एजेंसी के पदाधिकारियों से चर्चा की और कार्य को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। बता दें कि, इंदौर महानगर में पिछले साल तक 33/11 केवी के कुल 128 ग्रिड थे। आरडीएसएस के तहत चार नए ग्रिड क्रमशः बिलावली, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के पास, देवास नाका और रसोमा क्षेत्र में बनाए गए, जिनसे अभी बिजली आपूर्ति की जा रही है। अब दो अन्य ग्रिड ग्रीन पार्क और पंचकुईयां के पास सुलकाखेड़ी में तैयार हो रहे हैं। वित्तीय वर्ष में अब तक बिजली कंपनी ने बनाए 33,500 प्रकरण मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल से दिसंबर तक 1.36 लाख कनेक्शनों की जांच की है। इस जांच के दौरान अनियमितताओं, नियम विरुद्ध विद्युत उपयोग और बिजली चोरी से संबंधित कुल 33,500 प्रकरण बनाए गए हैं। प्रबंध निदेशक रजनी सिंह ने बताया कि, वित्तीय वर्ष के इन नौ महीनों में इंदौर सहित सभी 15 जिलों में फील्ड टीमों और विजिलेंस टीमों ने व्यापक जांच अभियान चलाया। सबसे अधिक जांच इंदौर और धार जिलों में की गई, जहां 18,000 स्थानों पर निरीक्षण हुआ। खंडवा में 15,000, रतलाम में 12,000, खरगोन में 11,000 और उज्जैन में 9,500 स्थानों पर जांच की गई। अन्य जिलों में 4,000 से 8,000 कनेक्शनों की जांच की गई। अब तक किए गए 33,500 प्रकरणों में कुल 82 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित की गई है।