मैं अपना सबकुछ ईश्वर पर छोड़ चुकी हूं : ममता कुलकर्णी
मैं अपना सबकुछ ईश्वर पर छोड़ चुकी हूं : ममता कुलकर्णी
मुंबई, 31 मई । अभिनेत्री ममता कुलकर्णी जल्द ही श्री कल्किधाम में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगी। अभिनेत्री ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात की। उनका मानना है कि ईश्वर हर किसी को एक प्रयोजन के साथ धरती पर भेजते हैं। उन्होंने कहा, जगत जननी ने मुझे पुण्य कर्मों के लिए भेजा है। ममता कुलकर्णी ने बताया, मेरा मानना है कि ईश्वर हम लोगों को एक खास प्रयोजन के साथ दुनिया में भेजते हैं और मेरा जन्म भी खास प्रयोजन या इसी तरह के पुण्य कर्मों के लिए हुआ है। कल्कि धाम जाने के लिए उत्साहित ममता कुलकर्णी ने कहा कि जगत जननी ने मुझे इसी काम के लिए भेजा है। वे पहले महाकुंभ में स्नान करने गई थीं। लेकिन, वे वहां से महामंडलेश्वर बनकर लौटीं। अभिनेत्री ने कहा, मैं प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला में स्नान करने गई थी। लेकिन, वहां से महामंडलेश्वर बनकर लौटी। यह समझना मुश्किल है कि भगवान किस उद्देश्य से और कहां जाने का आदेश देते हैं। मैं इसे भगवान की इच्छा पर छोड़ देती हूं, यह विश्वास रखते हुए कि श्री कल्किधाम की यात्रा और शिला दान का कार्य भी भगवती की इच्छा या किसी विशेष प्रयोजन से प्रेरित है। यह आध्यात्मिकता और भगवान के प्रति समर्पण को दिखाता है। शायद भगवती का आदेश हो या उनका एक प्रयोजन हो कि मुझे श्री कल्किधाम जाकर वहां शिला दान मेरे हाथ से हो, इसलिए मैं वहां जा रही हूं।
मुंबई, 31 मई । अभिनेत्री ममता कुलकर्णी जल्द ही श्री कल्किधाम में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगी। अभिनेत्री ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात की। उनका मानना है कि ईश्वर हर किसी को एक प्रयोजन के साथ धरती पर भेजते हैं। उन्होंने कहा, जगत जननी ने मुझे पुण्य कर्मों के लिए भेजा है। ममता कुलकर्णी ने बताया, मेरा मानना है कि ईश्वर हम लोगों को एक खास प्रयोजन के साथ दुनिया में भेजते हैं और मेरा जन्म भी खास प्रयोजन या इसी तरह के पुण्य कर्मों के लिए हुआ है। कल्कि धाम जाने के लिए उत्साहित ममता कुलकर्णी ने कहा कि जगत जननी ने मुझे इसी काम के लिए भेजा है। वे पहले महाकुंभ में स्नान करने गई थीं। लेकिन, वे वहां से महामंडलेश्वर बनकर लौटीं। अभिनेत्री ने कहा, मैं प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला में स्नान करने गई थी। लेकिन, वहां से महामंडलेश्वर बनकर लौटी। यह समझना मुश्किल है कि भगवान किस उद्देश्य से और कहां जाने का आदेश देते हैं। मैं इसे भगवान की इच्छा पर छोड़ देती हूं, यह विश्वास रखते हुए कि श्री कल्किधाम की यात्रा और शिला दान का कार्य भी भगवती की इच्छा या किसी विशेष प्रयोजन से प्रेरित है। यह आध्यात्मिकता और भगवान के प्रति समर्पण को दिखाता है। शायद भगवती का आदेश हो या उनका एक प्रयोजन हो कि मुझे श्री कल्किधाम जाकर वहां शिला दान मेरे हाथ से हो, इसलिए मैं वहां जा रही हूं।