रायसेन में रात में हल्की बारिश के साथ कोहरा छाया:सर्द हवाओं ने ठंड बढ़ाई, संक्रांति तक ऐसा ही रहेगा मौसम
रायसेन में रात में हल्की बारिश के साथ कोहरा छाया:सर्द हवाओं ने ठंड बढ़ाई, संक्रांति तक ऐसा ही रहेगा मौसम
रायसेन में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदला है। शनिवार-रविवार की रात हुई हल्की बारिश ने वातावरण में ठंडक बढ़ा दी है। रविवार की सुबह से सर्द हवाओं के साथ कोहरा छाया रहा। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टरबेंस) की वजह से मौसम में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। दो दिन बारिश की संभावना तापमान के आंकड़ों पर नजर डालें तो बीती रात का न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि शनिवार को दिन का अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। आसमान में छाए बादलों के कारण दिन और रात के तापमान में ज्यादा अंतर नहीं देखा गया। मौसम विभाग ने रविवार और सोमवार को भी बारिश की संभावना जताई है। फसलों को फायदा इस मौसमी बदलाव से किसानों को विशेष लाभ मिल रहा है। यह दूसरी बार है जब रायसेन में बारिश के साथ मावठा गिर रही है। किसानों के अनुसार गेहूं की फसल में ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही थी, लेकिन इस बारिश ने प्राकृतिक सिंचाई का काम कर दिया है। इससे न केवल फसलों को प्राकृतिक पोषण मिला है, बल्कि सिंचाई और बिजली के खर्च में भी बचत हुई है।
रायसेन में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदला है। शनिवार-रविवार की रात हुई हल्की बारिश ने वातावरण में ठंडक बढ़ा दी है। रविवार की सुबह से सर्द हवाओं के साथ कोहरा छाया रहा। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टरबेंस) की वजह से मौसम में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। दो दिन बारिश की संभावना तापमान के आंकड़ों पर नजर डालें तो बीती रात का न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि शनिवार को दिन का अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। आसमान में छाए बादलों के कारण दिन और रात के तापमान में ज्यादा अंतर नहीं देखा गया। मौसम विभाग ने रविवार और सोमवार को भी बारिश की संभावना जताई है। फसलों को फायदा इस मौसमी बदलाव से किसानों को विशेष लाभ मिल रहा है। यह दूसरी बार है जब रायसेन में बारिश के साथ मावठा गिर रही है। किसानों के अनुसार गेहूं की फसल में ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही थी, लेकिन इस बारिश ने प्राकृतिक सिंचाई का काम कर दिया है। इससे न केवल फसलों को प्राकृतिक पोषण मिला है, बल्कि सिंचाई और बिजली के खर्च में भी बचत हुई है।