सीआरपीएफ की 188वीं बटालियन ने मनाया शौर्य दिवस, वीरता की गाथा को किया स्मरण
सीआरपीएफ की 188वीं बटालियन ने मनाया शौर्य दिवस, वीरता की गाथा को किया स्मरण
छत्तीसगढ़ संवाददाता
कोण्डागांव, 10 अप्रैल। सीआरपीएफ की 188वीं बटालियन द्वारा बुधवार को मुख्यालय परिसर, चिखलपुटी कोण्डागांव में शौर्य दिवस का आयोजन गरिमामय वातावरण में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत कमांडेंट भवेष चौधरी द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी से हुई, जिसके बाद शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
शौर्य दिवस के अवसर पर सैनिक सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें बल के जवानों को सीआरपीएफ के वीरता इतिहास से अवगत कराया गया। 9 अप्रैल 1965 को गुजरात के कच्छ क्षेत्र में सरदार और टाक पोस्ट पर पाकिस्तानी सेना के ब्रिगेड द्वारा किए गए हमले को सीआरपीएफ की एक छोटी टुकड़ी ने नाकाम कर दिया था। इस संघर्ष में 34 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे और चार को जीवित पकड़ा गया था। यह घटना अर्द्धसैनिक बलों के इतिहास में अद्वितीय वीरता का प्रतीक मानी जाती है।
इस अवसर पर द्वितीय कमान अधिकारी नितीनद्र नाथ, उप कमांडेंट अभिजीत काले, सहायक कमांडेंट ओमप्रकाश विश्नोई, चिकित्सा अधिकारी डॉ. राहुल चन्द्रन आरपी समेत अनेक अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने जवानों को शौर्य दिवस की शुभकामनाएं दीं और बल की वीरता की परंपरा को बनाए रखने का संकल्प दोहराया। कार्यक्रम में वाहिनी के पदक विजेता जवानों को सम्मानित किया गया, साथ ही शहीद शिवलाल नेताम की वीरनारी को भी सम्मानपूर्वक उपहार प्रदान किया गया। जवानों को उनके उज्ज्वल भविष्य और प्रेरणादायी कार्यों के लिए प्रेरित किया गया।
समापन अवसर पर बल के सभी जवानों ने राष्ट्र, संविधान और अपने कर्तव्यों के प्रति निष्ठावान रहने की शपथ ली। शाम को रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में जवानों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर माहौल को जीवंत बना दिया। इसके उपरांत सभी अधिकारियों, जवानों और उनके परिवारजनों के लिए सामूहिक भोज का आयोजन किया गया।
छत्तीसगढ़ संवाददाता
कोण्डागांव, 10 अप्रैल। सीआरपीएफ की 188वीं बटालियन द्वारा बुधवार को मुख्यालय परिसर, चिखलपुटी कोण्डागांव में शौर्य दिवस का आयोजन गरिमामय वातावरण में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत कमांडेंट भवेष चौधरी द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी से हुई, जिसके बाद शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
शौर्य दिवस के अवसर पर सैनिक सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें बल के जवानों को सीआरपीएफ के वीरता इतिहास से अवगत कराया गया। 9 अप्रैल 1965 को गुजरात के कच्छ क्षेत्र में सरदार और टाक पोस्ट पर पाकिस्तानी सेना के ब्रिगेड द्वारा किए गए हमले को सीआरपीएफ की एक छोटी टुकड़ी ने नाकाम कर दिया था। इस संघर्ष में 34 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे और चार को जीवित पकड़ा गया था। यह घटना अर्द्धसैनिक बलों के इतिहास में अद्वितीय वीरता का प्रतीक मानी जाती है।
इस अवसर पर द्वितीय कमान अधिकारी नितीनद्र नाथ, उप कमांडेंट अभिजीत काले, सहायक कमांडेंट ओमप्रकाश विश्नोई, चिकित्सा अधिकारी डॉ. राहुल चन्द्रन आरपी समेत अनेक अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने जवानों को शौर्य दिवस की शुभकामनाएं दीं और बल की वीरता की परंपरा को बनाए रखने का संकल्प दोहराया। कार्यक्रम में वाहिनी के पदक विजेता जवानों को सम्मानित किया गया, साथ ही शहीद शिवलाल नेताम की वीरनारी को भी सम्मानपूर्वक उपहार प्रदान किया गया। जवानों को उनके उज्ज्वल भविष्य और प्रेरणादायी कार्यों के लिए प्रेरित किया गया।
समापन अवसर पर बल के सभी जवानों ने राष्ट्र, संविधान और अपने कर्तव्यों के प्रति निष्ठावान रहने की शपथ ली। शाम को रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में जवानों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर माहौल को जीवंत बना दिया। इसके उपरांत सभी अधिकारियों, जवानों और उनके परिवारजनों के लिए सामूहिक भोज का आयोजन किया गया।