सरकारी अस्पताल में छुट्टी का हवाला देकर प्रसव पीड़िता को लौटाया, निजी अस्पताल ने मृत बच्चे का किया इलाज

पिता की शिकायत पर पुलिस ने कब्र से निकलवाया शव छत्तीसगढ़ संवाददाता जांजगीर-चांपा, 23मई। बसंतपुर निवासी जितेन्द्र साहू अपनी पत्नी शिवरात्रि को प्रसव पीड़ा होने पर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे,लेकिन वहां से यह कहकर लौटा दिया गया कि छुट्टी है,डिलीवरी नहीं होगी। इसके बाद परिजन पहले सिटी डिस्पेंसरी पहुंचे,जहां डॉक्टरों ने बच्चादानी खुलने और बच्चे का सिर दिखने की बात कही,फिर इलाज करने के बजाय महिला को रेफर कर दिया गया। पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद शिशु का शव कब्र से निकलवाया और पोस्टमार्टम कराया है। घटना शनिवार की है, जहां अस्पताल में मौजूद स्टाफ ने अवकाश का दिन होने के कारण डिलीवरी करने से इंकार कर दिया। मृत शिशु के पिता जितेंद्र साहू द्वारा पुलिस को दी गई जानकारी के अनुसार, इसके बाद प्रसूता को चांपा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया,जहां डॉ. अतुल राठौर ने डिलीवरी कराई। डिलीवरी के बाद बच्चे की गंभीर हालत बताकर उसे आयुष्मान योजना के अस्पताल, प्रसाद हॉस्पिटल में रेफर किया गया। यहां परिजनों से इलाज के नाम पर प्रतिदिन810हजार रुपये की मांग की गई और बच्चे को वेंटिलेटर पर रखा गया,लेकिन परिजनों को दिखाया नहीं गया। बाद में परिजनों को बताया गया कि बच्चा रात में ही मर गया था। पिता जितेंद्र साहू का आरोप है कि मृत बच्चे की जगह किसी अन्य को दिखाकर इलाज का नाटक किया गया और पैसे वसूले गए।

सरकारी अस्पताल में छुट्टी का हवाला देकर प्रसव पीड़िता को लौटाया, निजी अस्पताल ने मृत बच्चे का किया इलाज
पिता की शिकायत पर पुलिस ने कब्र से निकलवाया शव छत्तीसगढ़ संवाददाता जांजगीर-चांपा, 23मई। बसंतपुर निवासी जितेन्द्र साहू अपनी पत्नी शिवरात्रि को प्रसव पीड़ा होने पर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे,लेकिन वहां से यह कहकर लौटा दिया गया कि छुट्टी है,डिलीवरी नहीं होगी। इसके बाद परिजन पहले सिटी डिस्पेंसरी पहुंचे,जहां डॉक्टरों ने बच्चादानी खुलने और बच्चे का सिर दिखने की बात कही,फिर इलाज करने के बजाय महिला को रेफर कर दिया गया। पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद शिशु का शव कब्र से निकलवाया और पोस्टमार्टम कराया है। घटना शनिवार की है, जहां अस्पताल में मौजूद स्टाफ ने अवकाश का दिन होने के कारण डिलीवरी करने से इंकार कर दिया। मृत शिशु के पिता जितेंद्र साहू द्वारा पुलिस को दी गई जानकारी के अनुसार, इसके बाद प्रसूता को चांपा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया,जहां डॉ. अतुल राठौर ने डिलीवरी कराई। डिलीवरी के बाद बच्चे की गंभीर हालत बताकर उसे आयुष्मान योजना के अस्पताल, प्रसाद हॉस्पिटल में रेफर किया गया। यहां परिजनों से इलाज के नाम पर प्रतिदिन810हजार रुपये की मांग की गई और बच्चे को वेंटिलेटर पर रखा गया,लेकिन परिजनों को दिखाया नहीं गया। बाद में परिजनों को बताया गया कि बच्चा रात में ही मर गया था। पिता जितेंद्र साहू का आरोप है कि मृत बच्चे की जगह किसी अन्य को दिखाकर इलाज का नाटक किया गया और पैसे वसूले गए।