सड़क पर प्रसूता ने जन्मा बच्चा, टेक्सी से पहुंचाया अस्पताल:फोन लगाने के बाद भी नहीं आई एम्बुलेंस, घर से बाइक से लेकर निकले
सड़क पर प्रसूता ने जन्मा बच्चा, टेक्सी से पहुंचाया अस्पताल:फोन लगाने के बाद भी नहीं आई एम्बुलेंस, घर से बाइक से लेकर निकले
शिवपुरी में एक बार फिर एम्बुलेंस के अभाव में एक प्रसूता ने सड़क पर बच्चे को जन्म दिया। बाद में परिजन उसे टैक्सी में बैठाकर बदरवास के स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। जानकारी के मुताबिक भड़कई पिपरौदा गांव की रहने वाली सीमा (25) को मंगलवार की दोपहर प्रसव पीड़ा होने लगी। पत्नी को डिलीवरी के लिए बदरवास के स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने के लिए पति करण पटेलिया ने 108 जननी एंबुलेंस को बुलाने के लिए कई फोन लगाए। लेकिन एम्बुलेंस देरी से पहुंचने की बात कही गई। जब मंगलवार की शाम सीमा को तेज प्रसव पीड़ा होने लगी तो परिजन प्रसूता को बाइक पर बैठाकर अस्पताल के लिए रवाना हुए। सड़क पर डिलीवरी, टैक्सी ने पहुंचाया अस्पताल
परिजन प्रसूता को बाइक पर बैठाकर अस्पताल ला ही रहे थे। तभी रेलवे अंडर ब्रिज के पास प्रसूता ने असहनीय पीड़ा के साथ असुरक्षित तौर पर बच्चे को जन्म दे दिया। बाद में परिजनों ने गुजर रही टैक्सी से मदद मांगी। टैक्सी से जच्चा बच्चा को बदरवास कस्बे के स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जा सका। परिजनों का आरोप है कि कई बार फोन लगाने के बाद भी एम्बुलेंस लेने गांव नहीं पहुंची।
शिवपुरी में एक बार फिर एम्बुलेंस के अभाव में एक प्रसूता ने सड़क पर बच्चे को जन्म दिया। बाद में परिजन उसे टैक्सी में बैठाकर बदरवास के स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। जानकारी के मुताबिक भड़कई पिपरौदा गांव की रहने वाली सीमा (25) को मंगलवार की दोपहर प्रसव पीड़ा होने लगी। पत्नी को डिलीवरी के लिए बदरवास के स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने के लिए पति करण पटेलिया ने 108 जननी एंबुलेंस को बुलाने के लिए कई फोन लगाए। लेकिन एम्बुलेंस देरी से पहुंचने की बात कही गई। जब मंगलवार की शाम सीमा को तेज प्रसव पीड़ा होने लगी तो परिजन प्रसूता को बाइक पर बैठाकर अस्पताल के लिए रवाना हुए। सड़क पर डिलीवरी, टैक्सी ने पहुंचाया अस्पताल
परिजन प्रसूता को बाइक पर बैठाकर अस्पताल ला ही रहे थे। तभी रेलवे अंडर ब्रिज के पास प्रसूता ने असहनीय पीड़ा के साथ असुरक्षित तौर पर बच्चे को जन्म दे दिया। बाद में परिजनों ने गुजर रही टैक्सी से मदद मांगी। टैक्सी से जच्चा बच्चा को बदरवास कस्बे के स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जा सका। परिजनों का आरोप है कि कई बार फोन लगाने के बाद भी एम्बुलेंस लेने गांव नहीं पहुंची।