कलेक्टर ने किया नदी-नाले का दौरा:भगवानपुरा डैम के वाल्व में मिला लीकेज; अतिक्रमण को बारिश से पहले ही हटाने के निर्देश

सीहोर कलेक्टर बालागुरू के. ने जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत सीवन नदी और सीटू नाले का निरीक्षण किया। उन्होंने इन जल स्रोतों के गहरीकरण और सफाई कार्यों का जायजा लिया। कलेक्टर ने नदी में मिलने वाले प्रदूषित जल के स्रोतों की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने नगर पालिका सीएमओ को निर्देश दिए कि वर्षा ऋतु से पहले नदी और नाले के जल ग्रहण क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया जाए। सीवन नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सभी संभव विकल्पों पर काम करने के आदेश दिए गए। नदी में मिलने वाले सभी दूषित जल स्रोतों की पहचान कर उनके उचित निस्तारण की व्यवस्था की जाएगी। स्टॉप डैम की स्थिति को देखते हुए कलेक्टर ने जर्जर डैमों की तत्काल मरम्मत के निर्देश दिए। भगवानपुरा डैम के निरीक्षण के दौरान वाल्व से हो रहे लीकेज की समस्या पाई गई। इंजीनियर को निर्देश दिए गए कि जलस्तर कम होने पर तुरंत वाल्व की मरम्मत की जाए। इस पूरी कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य सीवन नदी के जल को स्वच्छ बनाए रखना है। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि प्रदूषित जल नदी में न मिले और जल की गुणवत्ता बनी रहे।

कलेक्टर ने किया नदी-नाले का दौरा:भगवानपुरा डैम के वाल्व में मिला लीकेज; अतिक्रमण को बारिश से पहले ही हटाने के निर्देश
सीहोर कलेक्टर बालागुरू के. ने जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत सीवन नदी और सीटू नाले का निरीक्षण किया। उन्होंने इन जल स्रोतों के गहरीकरण और सफाई कार्यों का जायजा लिया। कलेक्टर ने नदी में मिलने वाले प्रदूषित जल के स्रोतों की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने नगर पालिका सीएमओ को निर्देश दिए कि वर्षा ऋतु से पहले नदी और नाले के जल ग्रहण क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया जाए। सीवन नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सभी संभव विकल्पों पर काम करने के आदेश दिए गए। नदी में मिलने वाले सभी दूषित जल स्रोतों की पहचान कर उनके उचित निस्तारण की व्यवस्था की जाएगी। स्टॉप डैम की स्थिति को देखते हुए कलेक्टर ने जर्जर डैमों की तत्काल मरम्मत के निर्देश दिए। भगवानपुरा डैम के निरीक्षण के दौरान वाल्व से हो रहे लीकेज की समस्या पाई गई। इंजीनियर को निर्देश दिए गए कि जलस्तर कम होने पर तुरंत वाल्व की मरम्मत की जाए। इस पूरी कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य सीवन नदी के जल को स्वच्छ बनाए रखना है। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि प्रदूषित जल नदी में न मिले और जल की गुणवत्ता बनी रहे।