मनोज कुमार का असली नाम तो जान गए, मगर इन एक्टर्स का नाम जानते हैं? लिस्ट में बिग बी भी
मनोज कुमार का असली नाम तो जान गए, मगर इन एक्टर्स का नाम जानते हैं? लिस्ट में बिग बी भी
मुंबई, 7 अप्रैल । शेक्सपियर के ड्रामा रोमियो एंड जूलियट का लोकप्रिय डायलॉग है जिसका हिंदी में सीधा सादा सा तर्जुमा है-नाम में क्या रखा है। हमारे हिंदी सिने जगत के कई सितारे हैं जिन्होंने इस बात की गांठ बांध ली और फिर नाम में ऐसा बदलाव किया कि लोगों के दिलोदिमाग पर छा गए। रील नेम से इतने लोकप्रिय हुए कि रियल नेम की ओर किसी का ध्यान ही नहीं गया। हम आपको 60-70 के ऐसे ही सुपर स्टार्स से रूबरू करा रहा हैं। इस लिस्ट में अमिताभ बच्चन से लेकर संजीव कुमार तक शामिल हैं। हिंदी सिनेमा जगत के कभी टॉप स्टार रहे दिलीप कुमार। 60 का दौर हो या फिर आज का, एक्टर्स उनकी एक्टिंग के कायल हैं। हमारी इंडस्ट्री के इस बड़े सितारे का नाम भी असल नहीं था, ये उनका फिल्मी नाम था। ओरिजनल नाम मुहम्मद यूसुफ खान था। एक मुलाकात के दौरान देविका रानी ने कुमार से पूछा था, क्या आप अभिनय करना चाहते हैं? और जवाब आया हां। देविका रानी ने यूसुफ खान का नाम बदलने का प्रस्ताव दिया और उनका नाम दिलीप कुमार पड़ गया। इस नाम ने उन्हें प्रसिद्धि भी खूब दिलाई। इनके ही एक फैन थे अभिनेता मनोज कुमार। बॉलीवुड के भारत कुमार किसी पहचान के मोहताज नहीं। सभी जानते हैं कि उनका असली नाम मनोज नहीं था।
उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में स्वीकारा था। बताया कि ये नाम दिलीप साहब की शबनम से इंस्पायर्ड था। उन्होंने इस फिल्म को देखकर अपना नाम हरिकृष्ण गिरि गोस्वामी से बदलकर मनोज कुमार रख लिया। शबनम में दिलीप कुमार का स्क्रीन नेम मनोज था। बात एवरग्रीन स्टार देव आनंद की! देव आनंद, जिनका चार्म बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक था। लोग उनके अलग अंदाज अभिनय के कायल थे। हालांकि, इस शानदार कलाकार के असली नाम के बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते होंगे। अभिनेता का असली नाम धर्मदेव पिशोरीमल आनंद था। वह इंडस्ट्री में देव आनंद के नाम से लोकप्रिय हुए। घर वाले उन्हें चीरू कहकर बुलाते थे। बतौर हीरो देव आनंद की पहली फिल्म साल 1946 में हम एक हैं थी, जो फ्लॉप रही और वह नाम बनाने में नाकामयाब रहे। धर्मदेव दर्शकों के बीच अपनी पहचान नहीं बना सके थे। इसके बाद उनकी साल 1948 में फिल्म जिद्दी आई, जिसमें उनका नाम देव था। फिल्म सफल रही और उन्होंने अपने रील नेम को ही रियल के तौर पर चुन लिया। इन सबसे थोड़ी हटकर कहानी संजीव कुमार की थी। उन्हें न किसी ने कहा, न वो किसी से प्रभावित हुए बल्कि उन्हें खुद लगा तो एक नेक सलाह ली और नाम बदल दिया। उनका असली नाम हरिहर जेठालाल जरीवाला है।
मुंबई, 7 अप्रैल । शेक्सपियर के ड्रामा रोमियो एंड जूलियट का लोकप्रिय डायलॉग है जिसका हिंदी में सीधा सादा सा तर्जुमा है-नाम में क्या रखा है। हमारे हिंदी सिने जगत के कई सितारे हैं जिन्होंने इस बात की गांठ बांध ली और फिर नाम में ऐसा बदलाव किया कि लोगों के दिलोदिमाग पर छा गए। रील नेम से इतने लोकप्रिय हुए कि रियल नेम की ओर किसी का ध्यान ही नहीं गया। हम आपको 60-70 के ऐसे ही सुपर स्टार्स से रूबरू करा रहा हैं। इस लिस्ट में अमिताभ बच्चन से लेकर संजीव कुमार तक शामिल हैं। हिंदी सिनेमा जगत के कभी टॉप स्टार रहे दिलीप कुमार। 60 का दौर हो या फिर आज का, एक्टर्स उनकी एक्टिंग के कायल हैं। हमारी इंडस्ट्री के इस बड़े सितारे का नाम भी असल नहीं था, ये उनका फिल्मी नाम था। ओरिजनल नाम मुहम्मद यूसुफ खान था। एक मुलाकात के दौरान देविका रानी ने कुमार से पूछा था, क्या आप अभिनय करना चाहते हैं? और जवाब आया हां। देविका रानी ने यूसुफ खान का नाम बदलने का प्रस्ताव दिया और उनका नाम दिलीप कुमार पड़ गया। इस नाम ने उन्हें प्रसिद्धि भी खूब दिलाई। इनके ही एक फैन थे अभिनेता मनोज कुमार। बॉलीवुड के भारत कुमार किसी पहचान के मोहताज नहीं। सभी जानते हैं कि उनका असली नाम मनोज नहीं था।
उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में स्वीकारा था। बताया कि ये नाम दिलीप साहब की शबनम से इंस्पायर्ड था। उन्होंने इस फिल्म को देखकर अपना नाम हरिकृष्ण गिरि गोस्वामी से बदलकर मनोज कुमार रख लिया। शबनम में दिलीप कुमार का स्क्रीन नेम मनोज था। बात एवरग्रीन स्टार देव आनंद की! देव आनंद, जिनका चार्म बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक था। लोग उनके अलग अंदाज अभिनय के कायल थे। हालांकि, इस शानदार कलाकार के असली नाम के बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते होंगे। अभिनेता का असली नाम धर्मदेव पिशोरीमल आनंद था। वह इंडस्ट्री में देव आनंद के नाम से लोकप्रिय हुए। घर वाले उन्हें चीरू कहकर बुलाते थे। बतौर हीरो देव आनंद की पहली फिल्म साल 1946 में हम एक हैं थी, जो फ्लॉप रही और वह नाम बनाने में नाकामयाब रहे। धर्मदेव दर्शकों के बीच अपनी पहचान नहीं बना सके थे। इसके बाद उनकी साल 1948 में फिल्म जिद्दी आई, जिसमें उनका नाम देव था। फिल्म सफल रही और उन्होंने अपने रील नेम को ही रियल के तौर पर चुन लिया। इन सबसे थोड़ी हटकर कहानी संजीव कुमार की थी। उन्हें न किसी ने कहा, न वो किसी से प्रभावित हुए बल्कि उन्हें खुद लगा तो एक नेक सलाह ली और नाम बदल दिया। उनका असली नाम हरिहर जेठालाल जरीवाला है।