अमरनाथ यात्रा का 3 साल तक करें बहिष्कार:संस्कृति बचाओ मंच की अपील, श्रद्धालुओं से मिलता है कश्मीरियों को रोजगार

संस्कृति बचाओ मंच ने अमरनाथ यात्रा के बहिष्कार की अपील की है। मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि सनातन धर्मियों को अगले तीन वर्षों तक अमरनाथ यात्रा से दूरी बनानी चाहिए, ताकि उन कश्मीरी लोगों का रोजगार छीना जा सके, जो हमारी आस्था के साथ विश्वासघात कर रहे हैं। तिवारी ने आरोप लगाया कि जिन कश्मीरियों को श्रद्धालुओं की सेवा से रोजगार मिलता है, वही कुछ लोग आतंकवादियों का सहयोग कर रहे हैं। चंद्रशेखर तिवारी ने तीखे शब्दों में कहा- "हमारे धर्म में हर कण में भगवान का वास है। अमरनाथ यात्रा के नाम पर उन लोगों को रोजी-रोटी देना, जो आतंकियों के साथ मिलकर हिंदुओं की हत्या में मदद कर रहे हैं, यह अक्षम्य है। अब समय आ गया है कि हम उनका रोजगार छीनकर उन्हें उनकी करतूतों का अहसास कराएं।" अमरनाथ यात्रा के दौरान जिन घोड़े वालों, पिट्ठू और सेवा प्रदाताओं को श्रद्धालु हजारों रुपए देकर रोजगार देते हैं, उनमें से कुछ लोगों ने आपात स्थिति में हमारे सनातनियों की मदद करने के बजाय आतंकियों का साथ दिया। "जो हमारे धर्मार्थ यात्रियों की रक्षा नहीं कर सकते, उन्हें हम रोजगार क्यों दें?" इधर, 15 लोगों ने किया रजिस्ट्रेशन केंसिल पंडित शिवराज शास्त्री ने भी मंच का समर्थन करते हुए कहा, "वहां का पूरा अर्थतंत्र अमरनाथ यात्रा और वैष्णो देवी यात्रा पर निर्भर है। अगर हम यात्रा रोक देंगे, तो आतंकवाद को छिपकर समर्थन देने वालों को सबसे बड़ा झटका लगेगा। हमने अपनी तरफ से 15 यात्रियों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है और अन्य सनातनियों से भी ऐसा करने की अपील करते हैं।

अमरनाथ यात्रा का 3 साल तक करें बहिष्कार:संस्कृति बचाओ मंच की अपील, श्रद्धालुओं से मिलता है कश्मीरियों को रोजगार
संस्कृति बचाओ मंच ने अमरनाथ यात्रा के बहिष्कार की अपील की है। मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि सनातन धर्मियों को अगले तीन वर्षों तक अमरनाथ यात्रा से दूरी बनानी चाहिए, ताकि उन कश्मीरी लोगों का रोजगार छीना जा सके, जो हमारी आस्था के साथ विश्वासघात कर रहे हैं। तिवारी ने आरोप लगाया कि जिन कश्मीरियों को श्रद्धालुओं की सेवा से रोजगार मिलता है, वही कुछ लोग आतंकवादियों का सहयोग कर रहे हैं। चंद्रशेखर तिवारी ने तीखे शब्दों में कहा- "हमारे धर्म में हर कण में भगवान का वास है। अमरनाथ यात्रा के नाम पर उन लोगों को रोजी-रोटी देना, जो आतंकियों के साथ मिलकर हिंदुओं की हत्या में मदद कर रहे हैं, यह अक्षम्य है। अब समय आ गया है कि हम उनका रोजगार छीनकर उन्हें उनकी करतूतों का अहसास कराएं।" अमरनाथ यात्रा के दौरान जिन घोड़े वालों, पिट्ठू और सेवा प्रदाताओं को श्रद्धालु हजारों रुपए देकर रोजगार देते हैं, उनमें से कुछ लोगों ने आपात स्थिति में हमारे सनातनियों की मदद करने के बजाय आतंकियों का साथ दिया। "जो हमारे धर्मार्थ यात्रियों की रक्षा नहीं कर सकते, उन्हें हम रोजगार क्यों दें?" इधर, 15 लोगों ने किया रजिस्ट्रेशन केंसिल पंडित शिवराज शास्त्री ने भी मंच का समर्थन करते हुए कहा, "वहां का पूरा अर्थतंत्र अमरनाथ यात्रा और वैष्णो देवी यात्रा पर निर्भर है। अगर हम यात्रा रोक देंगे, तो आतंकवाद को छिपकर समर्थन देने वालों को सबसे बड़ा झटका लगेगा। हमने अपनी तरफ से 15 यात्रियों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है और अन्य सनातनियों से भी ऐसा करने की अपील करते हैं।