इंदौर में अहिल्या पथ योजना को लेकर प्रदर्शन करेंगे किसान:जमीन अहिग्रहण से नाराज कियान करेंगे इंदौर विकास प्राधिकरण का घेराव
इंदौर में अहिल्या पथ योजना को लेकर प्रदर्शन करेंगे किसान:जमीन अहिग्रहण से नाराज कियान करेंगे इंदौर विकास प्राधिकरण का घेराव
इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) द्वारा विकसित किए जाने वाले अहिल्या पथ का किसान लगातार विरोध कर रहे हैं। इसी कड़ी में किसान शुक्रवार को आईडीए बिल्डिंग का घेराव कर प्रदर्शन करेंगे। किसान नेताओं ने बताया कि पिछले दिनों हमने मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से मुलाकात कर योजना को लेकर विरोध दर्ज कराया था। मंत्री के निर्देश पर आईडीए अधिकारियों ने किसानों के साथ बैठक कर उनकी समस्याएं भी सुनी थी। लेकिन अभी तक इसका समाधान नहीं हो पाया है। जिस वजह से आज नाराज किसान आईडीए परिसर में एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। शहर के पश्चिम क्षेत्र में विकसित होने वाली अहिल्या पथ योजना से प्रभावित होने वाले करीब 10 गांवों के किसानों ने मंगलवार को नैनोद में बैठक की थी। बैठक में 25 अक्टूबर को इंदौर विकास प्राधिकरण कार्यालय पर विरोध-प्रदर्शन करने का फैसला लिया गया था। किसान नेता बबलू जाधव, हेम सिंह सिसोदिया ने बताया कि अहिल्या पथ योजना को लेकर किसानों का आंदोलन लगातार गति पकड़ रहा है। खेती के कार्यों में व्यस्तता के बावजूद किसान इस योजना के खिलाफ मैदान में हैं। किसान अपनी उपजाऊ भूमि को कौड़ियों के दाम किसी भी योजना में नहीं देंगे। इस योजना का विरोध इसलिए हो रहा है क्योंकि अहिल्या पथ योजना में 10 गांवों की 1179 हेक्टेयर कृषि भूमि आईडीए द्वारा अधिगृहीत की जाएगी। बदले में किसानों को 50 प्रतिशत विकसित भूखंड दिए जाएंगे। योजनाओं में विकास और अन्य कार्य आईडीए करेगा। किसान खेती की जमीन देने के लिए तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि आईडीए जमीन अधिगृहीत करने के बाद तीन से चार साल में भूखंड देगा। इस दौरान किसान खेती किसानी कहां करेंगे। किसान आउटर रिंग रोड का भी कर रहे विरोध इंदौर के आसपास बनने वाले 108 किमी लंबे आउटर रिंग रोड का भी किसान विरोध कर रहे हैं। किसान कम मुआवजा मिलने से नाराज हैं। इसके अलावा इंदौर-बुधनी रेल लाइन के लिए जमीन अधिगृहीत करने का भी विरोध है। किसान बाजार भाव का चार गुना मुआवजा मांग रहे हैं।
इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) द्वारा विकसित किए जाने वाले अहिल्या पथ का किसान लगातार विरोध कर रहे हैं। इसी कड़ी में किसान शुक्रवार को आईडीए बिल्डिंग का घेराव कर प्रदर्शन करेंगे। किसान नेताओं ने बताया कि पिछले दिनों हमने मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से मुलाकात कर योजना को लेकर विरोध दर्ज कराया था। मंत्री के निर्देश पर आईडीए अधिकारियों ने किसानों के साथ बैठक कर उनकी समस्याएं भी सुनी थी। लेकिन अभी तक इसका समाधान नहीं हो पाया है। जिस वजह से आज नाराज किसान आईडीए परिसर में एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। शहर के पश्चिम क्षेत्र में विकसित होने वाली अहिल्या पथ योजना से प्रभावित होने वाले करीब 10 गांवों के किसानों ने मंगलवार को नैनोद में बैठक की थी। बैठक में 25 अक्टूबर को इंदौर विकास प्राधिकरण कार्यालय पर विरोध-प्रदर्शन करने का फैसला लिया गया था। किसान नेता बबलू जाधव, हेम सिंह सिसोदिया ने बताया कि अहिल्या पथ योजना को लेकर किसानों का आंदोलन लगातार गति पकड़ रहा है। खेती के कार्यों में व्यस्तता के बावजूद किसान इस योजना के खिलाफ मैदान में हैं। किसान अपनी उपजाऊ भूमि को कौड़ियों के दाम किसी भी योजना में नहीं देंगे। इस योजना का विरोध इसलिए हो रहा है क्योंकि अहिल्या पथ योजना में 10 गांवों की 1179 हेक्टेयर कृषि भूमि आईडीए द्वारा अधिगृहीत की जाएगी। बदले में किसानों को 50 प्रतिशत विकसित भूखंड दिए जाएंगे। योजनाओं में विकास और अन्य कार्य आईडीए करेगा। किसान खेती की जमीन देने के लिए तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि आईडीए जमीन अधिगृहीत करने के बाद तीन से चार साल में भूखंड देगा। इस दौरान किसान खेती किसानी कहां करेंगे। किसान आउटर रिंग रोड का भी कर रहे विरोध इंदौर के आसपास बनने वाले 108 किमी लंबे आउटर रिंग रोड का भी किसान विरोध कर रहे हैं। किसान कम मुआवजा मिलने से नाराज हैं। इसके अलावा इंदौर-बुधनी रेल लाइन के लिए जमीन अधिगृहीत करने का भी विरोध है। किसान बाजार भाव का चार गुना मुआवजा मांग रहे हैं।