जयंती विशेष: ’अच्छाआ….’ गजब की कॉमिक टाइमिंग संग गुदगुदाने वाले जादूगर उत्पल दत्त
जयंती विशेष: ’अच्छाआ….’ गजब की कॉमिक टाइमिंग संग गुदगुदाने वाले जादूगर उत्पल दत्त
मुंबई, 28 मार्च । बड़ी-बड़ी आंखें, कड़क मूंछ और गंभीर आवाज...अरे अरे इस पर मत जाइए, हम बात कर रहे हैं गजब की कॉमिक टाइमिंग संग गुदगुदाने वाले जादूगर उत्पल दत्त के बारे में। दत्त कड़क अंदाज में भी कमाल की कॉमिक टच देकर दर्शकों के चेहरे पर मुस्कान ला देते थे। आज भी कॉमेडी फिल्म का नाम लेते ही सबसे पहले उनकी फिल्म गोल माल सामने आती है और लोग यूं ही मुस्कुरा देते हैं। 29 मार्च को दत्त की 96वीं जयंती है, आइए उनकी गुदगुदाने वाली फिल्मों पर डालते हैं एक नजर... उत्पल दत्त ने बंगाली फिल्म माइकल मधुसुधन से फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने हिंदी में भी भले ही कम फिल्में की हो, लेकिन हर फिल्म में उन्होंने अपने अभिनय की ऐसी छाप छोड़ी, जो अमिट है। इस सूची में पहले नंबर पर है गोल माल तो इसके बाद शौकीन, नरम-गरम, किसी से ना कहना और अंगूर जैसी फिल्में शामिल हैं। गोलमाल:- गोलमाल है भई सब गोलमाल है... उत्पल दत्त के करियर की सबसे शानदार फिल्मों में से एक है गोल माल, जिसका निर्देशन ऋषिकेश मुखर्जी ने किया था। साल 1979 में रिलीज हुई फिल्म भवानी (उत्पल दत्त) और राम प्रसाद (अमोल पालेकर) नाम के दो किरदारों की कहानी को पर्दे पर उतारती है।
भवानी अमीर है, लेकिन उसे ऐसे लड़कों से नफरत है, जो आधुनिक तरीके से और अय्याशी में रहते हैं। इस फिल्म के जरिए दत्त ने दर्शकों को इतना हंसाया कि उन्हें कॉमेडी किंग कहना ज्यादा न होगा। वहीं, अमोल पालेकर फिल्म में दोहरी भूमिका में नजर आए थे। फिल्म में उत्पल दत्त के साथ अमोल पालेकर और बिंदिया गोस्वामी भी मुख्य भूमिका में हैं। शौकीन:- जवानी उन्हीं के लिए है, जो जवान हैं...अब बारी है उत्पल दत्त की दूसरी फिल्म शौकीन की, साल 1982 में आई फिल्म का निर्देशन बासु चटर्जी ने किया था। शौकीन तीन ऐसे बुजुर्गों की कहानी है, जिनकी कमजोरी महिलाएं रहती हैं और इसी घेरे में वे खूब हंसाते हैं। फिल्म में उत्पल दत्त के साथ अशोक कुमार, एके हंगल, मिथुन चक्रवर्ती और रति अग्निहोत्री मुख्य भूमिकाओं में हैं। किसी से ना कहना:- दर्शकों को हंसाने के लिए एक बार फिर से उत्पल दत्त सामने आए और अपने कैलाश पति के किरदार संग दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। ऋषिकेश मुखर्जी के निर्देशन में बनी फिल्म किसी से ना कहना 1983 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में दत्त ने एक ऐसे पिता का किरदार निभाया था, जो बेटे की शादी किसी ऐसी लड़की से करवाना चाहता है, जो अनपढ़ हो और उसे अंग्रेजी न आती हो, लेकिन लड़के (फारुख शेख) को पढ़ी-लिखी लड़की रमोला (दीप्ति नवल) से प्यार हो जाता है। फिल्म में सच-झूठ की आड़ में कई मजेदार घटनाएं घटती हैं। किसी से ना कहना में उत्पल दत्त के साथ दीप्ति नवल, फारुख शेख सईद जाफरी समेत अन्य कई मंझे हुए कलाकार अहम भूमिकाओं में हैं।
मुंबई, 28 मार्च । बड़ी-बड़ी आंखें, कड़क मूंछ और गंभीर आवाज...अरे अरे इस पर मत जाइए, हम बात कर रहे हैं गजब की कॉमिक टाइमिंग संग गुदगुदाने वाले जादूगर उत्पल दत्त के बारे में। दत्त कड़क अंदाज में भी कमाल की कॉमिक टच देकर दर्शकों के चेहरे पर मुस्कान ला देते थे। आज भी कॉमेडी फिल्म का नाम लेते ही सबसे पहले उनकी फिल्म गोल माल सामने आती है और लोग यूं ही मुस्कुरा देते हैं। 29 मार्च को दत्त की 96वीं जयंती है, आइए उनकी गुदगुदाने वाली फिल्मों पर डालते हैं एक नजर... उत्पल दत्त ने बंगाली फिल्म माइकल मधुसुधन से फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने हिंदी में भी भले ही कम फिल्में की हो, लेकिन हर फिल्म में उन्होंने अपने अभिनय की ऐसी छाप छोड़ी, जो अमिट है। इस सूची में पहले नंबर पर है गोल माल तो इसके बाद शौकीन, नरम-गरम, किसी से ना कहना और अंगूर जैसी फिल्में शामिल हैं। गोलमाल:- गोलमाल है भई सब गोलमाल है... उत्पल दत्त के करियर की सबसे शानदार फिल्मों में से एक है गोल माल, जिसका निर्देशन ऋषिकेश मुखर्जी ने किया था। साल 1979 में रिलीज हुई फिल्म भवानी (उत्पल दत्त) और राम प्रसाद (अमोल पालेकर) नाम के दो किरदारों की कहानी को पर्दे पर उतारती है।
भवानी अमीर है, लेकिन उसे ऐसे लड़कों से नफरत है, जो आधुनिक तरीके से और अय्याशी में रहते हैं। इस फिल्म के जरिए दत्त ने दर्शकों को इतना हंसाया कि उन्हें कॉमेडी किंग कहना ज्यादा न होगा। वहीं, अमोल पालेकर फिल्म में दोहरी भूमिका में नजर आए थे। फिल्म में उत्पल दत्त के साथ अमोल पालेकर और बिंदिया गोस्वामी भी मुख्य भूमिका में हैं। शौकीन:- जवानी उन्हीं के लिए है, जो जवान हैं...अब बारी है उत्पल दत्त की दूसरी फिल्म शौकीन की, साल 1982 में आई फिल्म का निर्देशन बासु चटर्जी ने किया था। शौकीन तीन ऐसे बुजुर्गों की कहानी है, जिनकी कमजोरी महिलाएं रहती हैं और इसी घेरे में वे खूब हंसाते हैं। फिल्म में उत्पल दत्त के साथ अशोक कुमार, एके हंगल, मिथुन चक्रवर्ती और रति अग्निहोत्री मुख्य भूमिकाओं में हैं। किसी से ना कहना:- दर्शकों को हंसाने के लिए एक बार फिर से उत्पल दत्त सामने आए और अपने कैलाश पति के किरदार संग दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। ऋषिकेश मुखर्जी के निर्देशन में बनी फिल्म किसी से ना कहना 1983 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में दत्त ने एक ऐसे पिता का किरदार निभाया था, जो बेटे की शादी किसी ऐसी लड़की से करवाना चाहता है, जो अनपढ़ हो और उसे अंग्रेजी न आती हो, लेकिन लड़के (फारुख शेख) को पढ़ी-लिखी लड़की रमोला (दीप्ति नवल) से प्यार हो जाता है। फिल्म में सच-झूठ की आड़ में कई मजेदार घटनाएं घटती हैं। किसी से ना कहना में उत्पल दत्त के साथ दीप्ति नवल, फारुख शेख सईद जाफरी समेत अन्य कई मंझे हुए कलाकार अहम भूमिकाओं में हैं।