टीचर्स एसो. गरियाबंद ने समर कैंप लगाने के आदेश पर जताई कड़ी आपत्ति
टीचर्स एसो. गरियाबंद ने समर कैंप लगाने के आदेश पर जताई कड़ी आपत्ति
कहा-दबाव डालकर लगाया जाएगा समर कैंप तो किया जाएगा विरोध व बहिष्कार
छत्तीसगढ़ संवाददाता
गरियाबंद, 21 अप्रैल। टीचर्स एसोसिएशन जिला गरियाबंद ने समर कैंप लगाने के आदेश पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि दबाव डालकर समर कैंप लगाया जाएगा तो विरोध एवं बहिष्कार किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन जिला गरियाबंद के जिला अध्यक्ष परमेश्वर निर्मलकर, ब्लॉक अध्यक्ष गरियाबंद जितेंद्र सोनवानी ने संयुक्त रूप से विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी गरियाबंद सह जिला परियोजना अधिकारी समग्र शिक्षा गरियाबंद के द्वारा 15 अप्रैल को एक पत्र जारी कर एक मई से लेकर 15 जून तक के बीच में प्राथमिक स्कूल से लेकर के हाई स्कूल हायर सेकेंडरी विद्यालयों तक के लिए अलग-अलग स्तर के विभिन्न कार्यक्रम को क्रियान्वयन करने के लिए समर कैंप लगाने का आदेश जारी किया है। जो कि पूरी तरह से अव्यवहारिक एवं शिक्षक समुदाय की ग्रीष्मकालीन अवकाश में जानबूझकर कटौती करने वाला तथा अधिकारियों की मनमानी पूर्वक शिक्षक संवर्ग को दबाव डालकर कार्य करवाने की प्रवृत्ति वाला आदेश है जिस पर छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन जिला शाखा एवं ब्लॉक शाखा गरियाबंद कड़ी आपत्ति दर्ज करती है। क्योंकि इसके पूर्व से ही स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा विद्यालयों, विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिए 1 मई से 15 जून तक 45 दिवस का ग्रीष्म अवकाश पूर्व से घोषित किया जा चुका है।
शिक्षक समुदाय को कार्यालयीन कर्मचारियों के मुकाबले में वैसे ही अर्जित अवकाश कम ही प्राप्त होता है तथा शनिवार का अवकाश भी प्राप्त नहीं होता एवं साल भर विभागीय कार्य तथा गैरविभागीय कार्य, शासन -प्रशासन के महत्वपूर्ण योजनाओं को छुट्टियों के दिवस में भी पूर्ण करते हैं, जिसके कारण से उनको शारीरिक-मानसिक थकान हो जाती है। विद्यार्थियों के लिए भी स्वास्थ्य तथा सेहत के अनुसार से प्रतिकूल मौसम रहता है। अत्यधिक बढ़ती गर्मी के कारण से अभी से पालक संवर्ग के द्वारा विद्यार्थियों के लिए अवकाश घोषणा की मांग निरंतर की जा रही है ऐसी स्थिति में भी स्थानीय जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों के द्वारा भीषण ग्रीष्म अवकाश में विद्यार्थियों के स्वास्थ्य सेहत का भी ध्यान नहीं रखते हुए अव्यावहारिक रूप से समर कैंप लगाने का निर्णय लिया गया है जो कतई उचित नहीं है।
ग्रीष्म अवकाश में शिक्षक संवर्ग अपने परिवार के सदस्यों के साथ अपनी सामाजिक- पारिवारिक उत्तरदायित्व का निर्वहन करते हैं। साथ में विद्यार्थी वर्ग अपने सगे संबंधियों के घर में अवकाश बिताकर परिवार में सामाजिक रिश्ते नातों तथा अन्य परंपरागत पारिवारिक मूल्यों, दायित्वों को सीखते हैं। समर कैंप की गतिविधियों को पूर्व से ही स्कूल कार्य दिवसों में बैगलेस डे में कराया ही जाता है। भीषण गर्मी के कारण वैसे भी ग्रीष्म अवकाश में पूर्व में लगाए गए समर कैंप में विद्यार्थियों की उपस्थिति नगण्य ही रहती है, महज खाना पूर्ति होती है एवं अधिकारी गण द्वारा राज्य स्तर पर वह वाही लूटने तथा श्रेय लूटने का प्रयास किया जाता है।
कहा-दबाव डालकर लगाया जाएगा समर कैंप तो किया जाएगा विरोध व बहिष्कार
छत्तीसगढ़ संवाददाता
गरियाबंद, 21 अप्रैल। टीचर्स एसोसिएशन जिला गरियाबंद ने समर कैंप लगाने के आदेश पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि दबाव डालकर समर कैंप लगाया जाएगा तो विरोध एवं बहिष्कार किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन जिला गरियाबंद के जिला अध्यक्ष परमेश्वर निर्मलकर, ब्लॉक अध्यक्ष गरियाबंद जितेंद्र सोनवानी ने संयुक्त रूप से विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी गरियाबंद सह जिला परियोजना अधिकारी समग्र शिक्षा गरियाबंद के द्वारा 15 अप्रैल को एक पत्र जारी कर एक मई से लेकर 15 जून तक के बीच में प्राथमिक स्कूल से लेकर के हाई स्कूल हायर सेकेंडरी विद्यालयों तक के लिए अलग-अलग स्तर के विभिन्न कार्यक्रम को क्रियान्वयन करने के लिए समर कैंप लगाने का आदेश जारी किया है। जो कि पूरी तरह से अव्यवहारिक एवं शिक्षक समुदाय की ग्रीष्मकालीन अवकाश में जानबूझकर कटौती करने वाला तथा अधिकारियों की मनमानी पूर्वक शिक्षक संवर्ग को दबाव डालकर कार्य करवाने की प्रवृत्ति वाला आदेश है जिस पर छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन जिला शाखा एवं ब्लॉक शाखा गरियाबंद कड़ी आपत्ति दर्ज करती है। क्योंकि इसके पूर्व से ही स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा विद्यालयों, विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिए 1 मई से 15 जून तक 45 दिवस का ग्रीष्म अवकाश पूर्व से घोषित किया जा चुका है।
शिक्षक समुदाय को कार्यालयीन कर्मचारियों के मुकाबले में वैसे ही अर्जित अवकाश कम ही प्राप्त होता है तथा शनिवार का अवकाश भी प्राप्त नहीं होता एवं साल भर विभागीय कार्य तथा गैरविभागीय कार्य, शासन -प्रशासन के महत्वपूर्ण योजनाओं को छुट्टियों के दिवस में भी पूर्ण करते हैं, जिसके कारण से उनको शारीरिक-मानसिक थकान हो जाती है। विद्यार्थियों के लिए भी स्वास्थ्य तथा सेहत के अनुसार से प्रतिकूल मौसम रहता है। अत्यधिक बढ़ती गर्मी के कारण से अभी से पालक संवर्ग के द्वारा विद्यार्थियों के लिए अवकाश घोषणा की मांग निरंतर की जा रही है ऐसी स्थिति में भी स्थानीय जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों के द्वारा भीषण ग्रीष्म अवकाश में विद्यार्थियों के स्वास्थ्य सेहत का भी ध्यान नहीं रखते हुए अव्यावहारिक रूप से समर कैंप लगाने का निर्णय लिया गया है जो कतई उचित नहीं है।
ग्रीष्म अवकाश में शिक्षक संवर्ग अपने परिवार के सदस्यों के साथ अपनी सामाजिक- पारिवारिक उत्तरदायित्व का निर्वहन करते हैं। साथ में विद्यार्थी वर्ग अपने सगे संबंधियों के घर में अवकाश बिताकर परिवार में सामाजिक रिश्ते नातों तथा अन्य परंपरागत पारिवारिक मूल्यों, दायित्वों को सीखते हैं। समर कैंप की गतिविधियों को पूर्व से ही स्कूल कार्य दिवसों में बैगलेस डे में कराया ही जाता है। भीषण गर्मी के कारण वैसे भी ग्रीष्म अवकाश में पूर्व में लगाए गए समर कैंप में विद्यार्थियों की उपस्थिति नगण्य ही रहती है, महज खाना पूर्ति होती है एवं अधिकारी गण द्वारा राज्य स्तर पर वह वाही लूटने तथा श्रेय लूटने का प्रयास किया जाता है।