बांग्लादेश: शेख़ हसीना के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी, जानिए क्या हैं आरोप
बांग्लादेश: शेख़ हसीना के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी, जानिए क्या हैं आरोप
बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्युनल (आईसीटी) ने रविवार को देश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख़ हसीना के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी किया है.
इससे पहले रविवार को आईसीटी में अभियोजन पक्ष ने जुलाई-अगस्त में मानवता के विरुद्ध किए गए अपराध से जुड़े एक मामले में शेख़ हसीना के ख़िलाफ़ औपचारिक आरोप लगाए थे.
आईसीटी में शेख़ हसीना के ख़िलाफ़ पांच आरोप दायर किए गए हैं, जिनमें हसीना को मानवता के विरुद्ध अपराध का आदेश देने वाला व्यक्ति बताया गया है.
बीबीसी बांग्ला सेवा के अनुसार इस आरोप पत्र में कई तथ्य, डेटा, डॉक्यूमेंट, वीडियो और ऑडियो कॉल के विवरण का हवाला दिया गया है. वहीं 81 लोगों को गवाह के तौर पर बुलाया गया है.
इस मामले में बांग्लादेश के पूर्व गृह मंत्री असदुज़्ज़मान ख़ान और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून के ख़िलाफ़ भी आरोप लगाए गए हैं.
असदुज़्ज़मान ख़ान के ख़िलाफ़ भी गिरफ़्तारी वॉरंट जारी किया गया है. वहीं चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून गिरफ़्तार हैं.
बीबीसी बांग्ला सेवा के मुताबिक़ आईसीटी में पेश किए गए आरोप पत्र को लेकर सुनवाई रविवार को लगभग 12:15 बजे शुरू हुई और इसका राज्य टेलीविज़न बीटीवी पर सीधा प्रसारण किया गया.
इससे पहले 12 मई को जांच एजेंसी के अधिकारियों ने शेख़ हसीना के ख़िलाफ़ जांच रिपोर्ट सौंपी थी.
उस दिन हुई प्रेस ब्रीफिंग में मुख्य अभियोजक ताजुल इस्लाम ने कहा था कि शेख़ हसीना जुलाई-अगस्त के विरोध प्रदर्शनों के दौरान 1,400 से अधिक लोगों की हत्या के लिए ज़िम्मेदार हैं. उन्होंने विरोध प्रदर्शनों के ख़िलाफ़ की गई कार्रवाई को सुनियोजित, व्यापक और व्यवस्थित बताया था.
ग़ौरतलब है कि बांग्लादेश में पिछले साल हुए छात्र आंदोलन के दौरान शेख़ हसीना देश छोड़ कर चली गई थीं. इससे पहले उन्होंने अपने ख़िलाफ़ लगाए गए आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया था.(bbc.com/hindi)
बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्युनल (आईसीटी) ने रविवार को देश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख़ हसीना के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी किया है.
इससे पहले रविवार को आईसीटी में अभियोजन पक्ष ने जुलाई-अगस्त में मानवता के विरुद्ध किए गए अपराध से जुड़े एक मामले में शेख़ हसीना के ख़िलाफ़ औपचारिक आरोप लगाए थे.
आईसीटी में शेख़ हसीना के ख़िलाफ़ पांच आरोप दायर किए गए हैं, जिनमें हसीना को मानवता के विरुद्ध अपराध का आदेश देने वाला व्यक्ति बताया गया है.
बीबीसी बांग्ला सेवा के अनुसार इस आरोप पत्र में कई तथ्य, डेटा, डॉक्यूमेंट, वीडियो और ऑडियो कॉल के विवरण का हवाला दिया गया है. वहीं 81 लोगों को गवाह के तौर पर बुलाया गया है.
इस मामले में बांग्लादेश के पूर्व गृह मंत्री असदुज़्ज़मान ख़ान और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून के ख़िलाफ़ भी आरोप लगाए गए हैं.
असदुज़्ज़मान ख़ान के ख़िलाफ़ भी गिरफ़्तारी वॉरंट जारी किया गया है. वहीं चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून गिरफ़्तार हैं.
बीबीसी बांग्ला सेवा के मुताबिक़ आईसीटी में पेश किए गए आरोप पत्र को लेकर सुनवाई रविवार को लगभग 12:15 बजे शुरू हुई और इसका राज्य टेलीविज़न बीटीवी पर सीधा प्रसारण किया गया.
इससे पहले 12 मई को जांच एजेंसी के अधिकारियों ने शेख़ हसीना के ख़िलाफ़ जांच रिपोर्ट सौंपी थी.
उस दिन हुई प्रेस ब्रीफिंग में मुख्य अभियोजक ताजुल इस्लाम ने कहा था कि शेख़ हसीना जुलाई-अगस्त के विरोध प्रदर्शनों के दौरान 1,400 से अधिक लोगों की हत्या के लिए ज़िम्मेदार हैं. उन्होंने विरोध प्रदर्शनों के ख़िलाफ़ की गई कार्रवाई को सुनियोजित, व्यापक और व्यवस्थित बताया था.
ग़ौरतलब है कि बांग्लादेश में पिछले साल हुए छात्र आंदोलन के दौरान शेख़ हसीना देश छोड़ कर चली गई थीं. इससे पहले उन्होंने अपने ख़िलाफ़ लगाए गए आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया था.(bbc.com/hindi)